शहडोल जिले में भ्रष्टाचार पर नकेल कसते हुए रीवा लोकायुक्त की 10 सदस्यीय टीम ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की. टीम ने सोहागपुर जनपद के पोंगरी पंचायत सचिव मंगलेश्वर मिश्रा को 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. यह कार्रवाई पंचायत भवन पोंगरी में की गई, जहां सचिव बिल भुगतान के एवज में उपसरपंच अमृतलाल यादव से रिश्वत की मांग कर रहा था.
जानकारी के मुताबिक जल गंगा संवर्धन योजना के तहत 2 लाख 37 हजार रुपये के काम का बिल बनाया गया था. इस बिल के भुगतान के लिए सचिव ने उपसरपंच से 25 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी. पीड़ित उपसरपंच ने 28 अक्टूबर को लोकायुक्त रीवा कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद टीम ने जांच और ट्रैप की तैयारी की.
रिश्वत हाथ में आते ही पकड़ लिया गया
गुरुवार को तय योजना के मुताबिक लोकायुक्त टीम ने पंचायत भवन पर छापा मारा। जैसे ही सचिव ने रिश्वत की रकम ली, टीम ने उसे मौके पर ही रंगेहाथ पकड़ लिया। कार्रवाई के दौरान पंचायत परिसर में ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई और कुछ देर तक माहौल तनावपूर्ण रहा.
लोकायुक्त पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया
टीम ने मौके से आरोपी सचिव को गिरफ्तार कर लिया और शहडोल सर्किट हाउस ले आई, जहां देर शाम तक उससे पूछताछ जारी रही। रिश्वत की रकम जब्त कर पंचनामा बनाया गया और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
लोकायुक्त की कार्रवाई से हड़कंप मच गया
गौरतलब है कि शहडोल जिले में पिछले कुछ हफ्तों में लगातार रिश्वतखोरी के मामले सामने आ रहे हैं. हाल ही में धनपुरी क्षेत्र में भी एक कर्मचारी को लोकायुक्त ने रिश्वत लेते पकड़ा था। लगातार हो रही इन कार्रवाइयों से प्रशासनिक गलियारों में हड़कंप मच गया है और भ्रष्ट कर्मचारियों में भय का माहौल देखा जा रहा है.
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि पंचायत स्तर पर बढ़ते भ्रष्टाचार को रोकने के लिए लोकायुक्त की ऐसी कार्रवाई बेहद जरूरी है. फिलहाल टीम मामले की कागजी कार्रवाई और औपचारिकताएं पूरी कर रही है.
शहडोल से राहुल सिंह राणा की रिपोर्ट



