प्रदेश में भले ही बीजेपी की सरकार (MP बीजेपी सरकार) है, लेकिन उनकी ही पार्टी के पार्षदों की हालत क्या है, ये ग्वालियर की एक महिला पार्षद की चेतावनी से पता चल सकता है. सरकारी अधिकारियों की हठधर्मिता के कारण भाजपा की महिला पार्षद को सोशल मीडिया पर निगम मुख्यालय के बाहर अपना खून बहाने की चेतावनी देनी पड़ी।
मानसून सीजन में खस्ताहाल सड़कों को लेकर देशभर की मीडिया में छाई रहने वाली ग्वालियर खाड़ी भी बारिश में डूबी हुई है। पैचवर्क के नाम पर लाखों रुपए की गिट्टी, मिट्टी और डामर बिछाकर अपनी पीठ थपथपाने वाले ग्वालियर नगर निगम की पोल एक बार फिर खुल गई है। बेमौसम बारिश से सड़कें गड्ढों में तब्दील, वाहन चालक परेशान, लोग कमर दर्द, कमर दर्द, हड्डी दर्द की शिकायत कर रहे हैं, लेकिन निगम बढ़ा रहा है. अफसर लापरवाह हैं।
सड़क के गड्ढों में गंदे पानी में खड़े पार्षद का वीडियो वायरल
ग्वालियर नगर निगम के वार्ड 58 की चेतकपुरी-महल रोड के ढहने को लेकर कमिश्नर को पत्र लिखकर आशंका जताने वाली बीजेपी पार्षद अपर्णा पाटिल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में वह बसंत विहार की जर्जर मुख्य सड़क पर गंदे पानी के बीच खड़ी नजर आ रही हैं.
अपर्णा पाटिल ने निगम अधिकारियों की कार्यशैली का किया खुलासा
पार्षद अपर्णा पाटिल ने अपने वीडियो में शहर की मुख्य सड़कों में से एक बसंत विहार की इस मुख्य सड़क की खराब हालत और निगम अधिकारियों की कार्यशैली का खुलासा किया है कि किस तरह से निगम अधिकारी जनता की समस्याओं को नजरअंदाज कर जन प्रतिनिधियों की अनदेखी कर टेंडर टेंडर का खेल खेल रहे हैं.
सड़क का निर्माण कुछ माह पहले ही हुआ था
आपको बता दें कि यह वही चेतकपुरी रोड है जिसे कुछ महीने पहले लाखों रुपए खर्च करके बनाया गया था, इस बड़ी और मुख्य डामर रोड पर ट्रैफिक का भारी दबाव रहता है, इस रोड से फूलबाग इलाके से आने वाले वाहन सिटी सेंटर, मुरार के अलावा झांसी रोड यानी शहर से बाहर जाते हैं, जिससे अन्य सड़कों पर ट्रैफिक कम हो जाता है और इस रोड पर निजी अस्पतालों की संख्या भी बढ़ गई है, जिससे मरीजों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
बीजेपी महिला पार्षद की गंभीर चेतावनी
पानी से भरे गड्ढे में खड़ी अपर्णा पाटिल ने कहा कि वह लंबे समय से इस सड़क को सुधारने की कोशिश कर रही हैं लेकिन शहर सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है, गड्ढों वाली खराब सड़क के कारण आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं, लोगों का खून बह रहा है और अधिकारी परवाह नहीं कर रहे हैं लेकिन अब मैं ऐसा नहीं होने दूंगी, उन्होंने चेतावनी दी कि अगर 15 दिन में सड़क नहीं सुधरी तो वह नगर निगम मुख्यालय के बाहर अपना खून बहाएंगी.
इसी कारण ग्वालियर में परेशानी है
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में सरकार बीजेपी की है लेकिन ग्वालियर में शहर की सरकार कांग्रेस की है यानी मेयर कांग्रेस का है, यही वजह है कि बीजेपी के पार्षद अपने काम नहीं होने से परेशान हैं और सरकारी अधिकारी भी उनकी बात नहीं सुनते. अब देखना यह होगा कि अपर्णा पाटिल की खून-खराबे की गंभीर चेतावनी का ग्वालियर नगर निगम कमिश्नर पर क्या असर होता है?



