भोपाल: मध्य प्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर होने वाले सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य के सफल आयोजन को लेकर विधायक रामेश्वर शर्मा की अध्यक्षता में कर्मश्री की बड़ी बैठक हुई. इस बैठक में सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ-साथ आम नागरिक भी शामिल हुए, जहां कार्यक्रम के प्रचार-प्रसार की रणनीति पर विस्तार से चर्चा की गयी.
बैठक का मुख्य उद्देश्य मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर आयोजित हो रहे इस भव्य नाट्य मंच को घर-घर तक पहुंचाना था. विधायक शर्मा ने इस आयोजन को प्रदेश की गौरवशाली परंपरा को पुनर्जीवित करने का महत्वपूर्ण प्रयास बताया.
गौरवशाली इतिहास हर व्यक्ति तक पहुंचेगा
बैठक को संबोधित करते हुए विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि यह आयोजन सिर्फ एक उत्सव नहीं बल्कि अपने इतिहास, संस्कृति और वीरों पर गर्व करने का अवसर है. उन्होंने उपस्थित सभी कार्यकर्ताओं एवं लोगों से अपील की कि वे न केवल स्वयं इस नाट्य मंचन को देखने जाएं बल्कि घर-घर जाकर इसका प्रचार-प्रसार करें, ताकि सम्राट विक्रमादित्य जैसे गौरवशाली व्यक्ति का जीवन एवं आदर्श लोगों तक पहुंच सके।
“सम्राट विक्रमादित्य भारतीय संस्कृति के अद्वितीय प्रतीक, न्यायप्रिय शासक और लोक कल्याण के आदर्श पुरुष थे, जिनका जीवन आज भी हमें प्रेरणा देता है।” -रामेश्वर शर्मा, विधायक
मुख्यमंत्री मोहन यादव का आभार व्यक्त किया
विधायक शर्मा ने इस सराहनीय पहल के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का विशेष आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि सम्राट विक्रमादित्य ने न केवल उज्जैन को अपनी राजधानी बनाया बल्कि भारतीय ज्ञान, संस्कृति और वैभव को विश्व पटल पर स्थापित किया। नई पीढ़ी को उनके जीवन से परिचित कराने का मुख्यमंत्री का यह प्रयास सराहनीय है।
बैठक के दौरान विधायक ने उपस्थित सभी लोगों को आंवला नवमी की शुभकामनाएं भी दीं. इसके साथ ही उन्होंने हर वर्ष देवउठनी एकादशी के अवसर पर युवा सदन में आयोजित होने वाले ‘श्री तुलसी विवाह’ समारोह के लिए सभी को आमंत्रित किया और प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की.
कार्यक्रम के बारे में रामेश्वर शर्मा ने बताया
भोपाल से जीतेन्द्र यादव की रिपोर्ट



