ठेकेदार ने कहा-जब तक बकाया 3.50 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं होगा, पानी सप्लाई नहीं करेंगे।
जलापूर्ति बाधित होने की खबर से 21 पंचायत के लोग परेशान, प्रशासन से पहल की मांग
जमशेदपुर समाचार:
एक नवंबर से छोटा गोविंदपुर जलापूर्ति योजना ठप हो जायेगी. जेमिनी एजेंसी के ठेकेदार ने घोषणा की है कि जब तक 22 माह का करीब 3.50 करोड़ रुपये बकाया नहीं दिया जायेगा, तब तक जलापूर्ति नहीं की जायेगी. कंपनी का कहना है कि जिला प्रशासन और पेयजल विभाग से कई बार अनुरोध करने के बावजूद भुगतान प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया गया. इसका सीधा असर ग्रामीणों की पेयजल सुविधा पर पड़ेगा। 21 पंचायतों में जल संकट की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. इस योजना के तहत 21 पंचायतों के करीब डेढ़ लाख परिवारों को पाइपलाइन से पानी पहुंचाया गया. ठेकेदार द्वारा जलापूर्ति योजना बंद करने के फैसले से इन सभी इलाकों में पेयजल संकट गहराने की आशंका है. ग्रामीणों को अब पानी के पुराने स्रोतों कुओं और ट्यूबवेलों पर निर्भर रहना पड़ सकता है।
…………………………………जिला प्रशासन और पंचायत प्रतिनिधियों के बीच विवाद का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। छोटा गोविंदपुर जलापूर्ति योजना के संचालन को लेकर जिला प्रशासन और पंचायत प्रतिनिधियों के बीच विवाद चल रहा है. जिला प्रशासन और कुछ पंचायत प्रतिनिधियों के बीच राजनीतिक और वित्तीय मतभेद के कारण स्थिति बिगड़ रही है. हर माह एक-दो बार बिना किसी सूचना के अचानक जलापूर्ति बाधित कर दी जा रही है। जिला प्रशासन और पंचायत प्रतिनिधियों के बीच विवाद की सजा आम जनता को मिल रही है. जबकि आम जनता अपना मासिक जल टैक्स हर माह पंचायत भवन में जाकर जल सहिया के पास जमा कर रही है. जल कर वसूलने के बाद भी जलापूर्ति बाधित रहने से आम जनता में आक्रोश है.
………………….. विभाग द्वारा जलापूर्ति योजना संचालित की जा रही है. वर्तमान में छोटा गोविंदपुर जलापूर्ति योजना का संचालन पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा किया जा रहा है तथा वर्तमान में यह योजना संचालन एवं रखरखाव में है। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद से जलापूर्ति योजना का हस्तांतरण नहीं हो सका है. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग को 2027 तक जलापूर्ति योजना की देखरेख करनी है. इस अवधि के बाद जलापूर्ति योजना एमवीडब्ल्यूएससी को हस्तांतरित कर दी जायेगी. इस बीच जिला प्रशासन ने नये एमवीडब्ल्यूएससी का गठन कर प्रखंड प्रमुख को अध्यक्ष, उपप्रमुख को उपाध्यक्ष और बीडीओ को सचिव बनाया है. ऐसे में पुराने और नये एमवीडब्ल्यूएससी के बीच विवाद खड़ा हो गया है. पुराने एमवीडब्ल्यूएससी को लगता है कि जिला प्रशासन उनके अधिकारों को छीनने और उन्हें उन जिम्मेदारियों से वंचित करने पर आमादा है जो उन्हें दी जानी चाहिए थी। जिसका विरोध पुराने एमवीडब्ल्यूएससी ने कई बार अपनी बैठकों में किया है.
…………………………………पंचायत प्रतिनिधि छोटा गोविंदपुर जलापूर्ति योजना के संचालन की जिम्मेदारी नगर परिषद या जुस्को को सौंपने के पक्ष में नहीं हैं। बार-बार जलापूर्ति बाधित होने की शिकायत के बाद गोविंदपुर क्षेत्र के कई पंचायत प्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन से छोटा गोविंदपुर जलापूर्ति योजना के संचालन की जिम्मेदारी नगर परिषद या जुस्को को सौंपने की मांग की है. वहीं, 90 फीसदी पंचायत प्रतिनिधियों ने नगर परिषद या किसी कंपनी को संचालन की जिम्मेदारी देने पर विरोध जताया है. उनका कहना है कि पंचायत क्षेत्र में पंचायत प्रतिनिधि जलापूर्ति योजना संचालित करने में सक्षम हैं. संचालन एवं रख-रखाव की अवधि पूरी होने के बाद जिला प्रशासन एवं पेयजल एवं स्वच्छता विभाग संचालन की जिम्मेवारी सौंपे।
………………………………. बुधवार को 21 पंचायतों में जलापूर्ति बाधित रही. बुधवार को छोटा गोविंदपुर जलापूर्ति योजना से जमशेदपुर प्रखंड की 21 पंचायतों में जलापूर्ति बाधित रही. योजना चला रहे ठेकेदार ने बताया कि मंगलवार की दोपहर करीब 12 बजे बिजली कट गयी, जो बुधवार की दोपहर एक बजे आयी. इस तरह छोटा गोविंदपुर जलापूर्ति योजना के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में करीब 24 घंटे तक बिजली गुल रही. बिजली की कमी के कारण इंटेक वेल से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तक पानी नहीं पहुंचाया जा सका. जिसके कारण बुधवार को 21 पंचायतों में पानी की आपूर्ति नहीं हो सकी.
……………………………. मुखिया के शब्द : वर्तमान में छोटा गोविंदपुर जलापूर्ति योजना संचालन एवं रखरखाव की अवधि में है. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग इसकी देखरेख कर रहा है. इसलिए वर्तमान समय में परिचालन में आ रही दिक्कतों के लिए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग पूरी तरह जिम्मेवार है. विभाग को जलापूर्ति योजना चलाने वाली एजेंसी जेमिनी इंटरप्राइजेज को उनका बकाया भुगतान करना चाहिए.
-पानो मुर्मू, मुखिया, पूर्वी हलुदबनी।
………………फिलहाल जलापूर्ति बाधित होने के लिए मुखिया या कोई पंचायत प्रतिनिधि जिम्मेवार नहीं है. विभागीय स्तर पर जलापूर्ति योजना का संचालन किया जा रहा है. इसलिए एजेंसी का सारा बकाया विभाग को ही भुगतान करना होगा. वर्ष 2027 के बाद जलापूर्ति योजना का संचालन मुखिया द्वारा गठित एमवीडब्ल्यूएससी को हस्तांतरित कर दिया जायेगा. जिला प्रशासन एवं पेयजल एवं स्वच्छता विभाग जलापूर्ति योजना के संचालन में आ रही समस्याओं को दूर कर आम जनता को नियमित पानी उपलब्ध कराये.
-सरस्वती टुडू, मुखिया, करनडीह पंचायत…………………………………………………………………………………………………………..क्या कहते हैं ठेकेदार? उन्होंने 22 माह के बकाया भुगतान के लिए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता को पत्र लिखा है. इसकी लिखित जानकारी जिला प्रशासन व स्थानीय विधायक को भी दे दी गयी है. इसके बावजूद बकाया भुगतान के लिए कोई पहल नहीं की गयी. जबकि योजना चलाने में मेरा आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा है. इसलिए जलापूर्ति योजना संचालित करने में असमर्थ हैं. अब इसकी सारी जिम्मेवारी जिला प्रशासन और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की होगी.
-अरुण कुमार, ठेकेदार, जेमिनी इंटरप्राइजेज………………………………………………………….क्या कहते हैं लोग : प्रशासन व पंचायत प्रतिनिधियों के बीच विवाद के कारण हमें परेशानी हो रही है. जलापूर्ति योजना का संचालन बंद नहीं किया जाये, अन्यथा पेयजल में काफी परेशानी होगी. जिला प्रशासन को तत्काल हस्तक्षेप कर समाधान निकालना चाहिए.
-विश्वजीत भगत…………………….हम नियमित रूप से हर माह जल शुल्क जमा करते हैं. इसलिए हम सभी को पानी की नियमित आपूर्ति होनी चाहिए। जिला प्रशासन बकाया भुगतान संबंधी विवाद को तत्काल देखे और जलापूर्ति प्रभावित न होने दे. जलापूर्ति प्रभावित होने से कई समस्याओं का सामना करना पड़ेगा.
-नीलकमल भूमिज………………. जिला प्रशासन ठेकेदार को बकाया राशि का भुगतान अविलंब करे, ताकि जलापूर्ति बाधित न हो. हम हर माह जलकर की राशि जमा करते हैं। इसलिए हमें पानी की नियमित सप्लाई दी जाए।
-सुभाष बारड़ा
………………….. जलापूर्ति बंद होने से पेयजल संकट की स्थिति उत्पन्न हो जायेगी. पूरे पंचायत क्षेत्र के लोग आपूर्ति किये गये पानी पर निर्भर हैं. जिला प्रशासन को शीघ्र समाधान निकालकर नियमित जलापूर्ति की व्यवस्था करनी चाहिए.
-धनंजय कुमार
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