अयोध्या, लोकजनता: गंजा स्थित राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज में टीबी कोर कमेटी की बैठक में सभी विभागों को टीबी जांच बढ़ाने के निर्देश दिए गए। मुख्य रूप से कुपोषित बच्चों, 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों, मधुमेह के रोगियों, शराब व तम्बाकू का सेवन करने वाले तथा पिछले तीन वर्षों से टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले लोगों को चिन्हित कर टीबी की जांच कराने का निर्देश दिया गया। प्राचार्य डॉ. सत्यजीत वर्मा ने बताया कि बेड की संख्या बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि डीआरटीबी को नोडल सेंटर बनाया जा सके.
शिशु रोग विभाग में संभावित रोगी बच्चों का गैस्ट्रिक लैवेज एवं इंड्यूस्ड स्पुतम विधि से सैंपल एकत्र कर जांच कराने का निर्देश दिया गया. बिगड़े टीबी मरीजों की देखभाल और बिस्तरों की संख्या बढ़ाने के दिशा-निर्देशों पर चर्चा की गई। तीन माह में 147 टीबी रोगियों की पहचान की गई, जिनमें से 57 की पहचान एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी तथा 13 की पहचान बाल रोग विभाग द्वारा की गई।
बाल रोग विभाग को मरीजों की संख्या बढ़ाने और इसे पोर्टल पर अपडेट करने को कहा गया। कार्यक्रम में मौजूद जिला टीबी रोग अधिकारी डॉ. संदीप कुमार शुक्ला ने कहा कि पल्मोनरी टीबी के संपर्क में आने वाले लोगों को छाती का एक्स-रे कराना चाहिए। उन्हें टीबी रोकथाम चिकित्सा के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।
इसके अलावा टीबी रोगियों को पोषण बंडल उपलब्ध कराने के लिए कॉर्पोरेट सेक्टर की मदद लेने पर भी चर्चा की गई। कार्यक्रम में सीएमएस डॉ. अरविंद सिंह, डीआरटीबी के नोडल डॉ. एसके वर्मा और बाल चिकित्सा टीबी पर काम करने वाली संस्था वर्ल्ड हेल्थ पार्टनर के जिला समन्वयक सचिन गुलाटी मौजूद रहे।



