छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश), 28 अक्टूबर (भाषा) पुलिस ने कथित तौर पर जहरीली कोल्ड्रिफ सिरप बनाने वाली कंपनी के एक चिकित्सा प्रतिनिधि को गिरफ्तार किया है। आशंका है कि यह सिरप मध्य प्रदेश में 24 बच्चों की मौत का कारण बन सकता है. एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
प्रतिबंधित मिलावटी कफ सिरप का निर्माण तमिलनाडु स्थित श्रीसन फार्मा कंपनी द्वारा किया गया था। मौतों के बाद, तमिलनाडु सरकार ने श्रीसन फार्मा का विनिर्माण लाइसेंस रद्द कर दिया और कंपनी को बंद कर दिया।
परसिया के अनुविभागीय पुलिस अधिकारी जितेंद्र कुमार जाट ने बताया कि कंपनी के मेडिकल प्रतिनिधि सतीश वर्मा को रविवार-सोमवार की दरम्यानी रात छिंदवाड़ा से गिरफ्तार किया गया और उनसे पूछताछ की जा रही है.
पुलिस ने इस मामले में अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें फार्मा कंपनी के मालिक जी रंगनाथन और बच्चों को यह सिरप देने वाले डॉक्टर प्रवीण सोनी भी शामिल हैं.
मध्य प्रदेश में अब तक 24 बच्चों की कथित तौर पर ‘कोल्ड्रिफ’ सिरप पीने के बाद किडनी फेल होने से मौत हो चुकी है, जिनमें से ज्यादातर पांच साल से कम उम्र के हैं। इसके अलावा राजस्थान में भी इस कफ सिरप को पीने से कम से कम तीन बच्चों की मौत हो गई है.
इस घटना के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भारत के तीन ‘घटिया’ कफ सिरप – ‘कोल्ड्रिफ’, ‘रेस्पीफ्रेश टीआर’ और ‘रीलाइफ’ के खिलाफ अलर्ट जारी किया है।
तमिलनाडु के औषधि नियंत्रण निदेशक ने 2 अक्टूबर को पाया कि ‘कोल्ड्रिफ़’ के नमूने मानक गुणवत्ता के नहीं थे। तीन दिन बाद, मध्य प्रदेश ने भी बताया कि ‘कोल्ड्रिफ़’ के एक नमूने में 48.6 प्रतिशत ‘डायथिलीन ग्लाइकॉल’ था, जो 0.1 प्रतिशत की स्वीकार्य सीमा से कहीं अधिक था।
इसके बाद मध्य प्रदेश पुलिस ने कथित लापरवाही के आरोप में छिंदवाड़ा के डॉ. प्रवीण सोनी को गिरफ्तार कर लिया. बच्चों की मौत के बाद तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, केरल, कर्नाटक, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पुडुचेरी, पश्चिम बंगाल और दिल्ली में इस दवा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
भाषा डिमो मनीषा नोमान
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