बरेली, अमृत विचार। स्तन कैंसर अब लाइलाज नहीं है, लेकिन समय पर निदान और उचित इलाज से 80 प्रतिशत मरीज पूरी तरह ठीक हो सकते हैं। यह कहना है रोहिलखंड कैंसर इंस्टीट्यूट के असिस्टेंट प्रोफेसर का। डॉ.अंकिता पांडे का। उन्होंने बताया कि अगर छात्राओं को अपने स्तन में कहीं भी गांठ महसूस हो तो उन्हें तुरंत अपने शहर के ऑन्कोलॉजिस्ट से परामर्श लेना चाहिए। तभी उचित इलाज संभव हो सकेगा।
रोहिलखंड कैंसर संस्थान एवं अमृत विचार के संयुक्त तत्वावधान में स्तन कैंसर जागरूकता माह के तहत तीन दिवसीय महिला कैंसर सुरक्षा अभियान मंगलवार को शुरू हुआ। पहले दिन शहर के विद्या वर्ल्ड, राधा माधव पब्लिक स्कूल और खंडेलवाल कॉलेज में छात्राओं को स्तन कैंसर की स्वयं पहचान और उसके बचाव के टिप्स दिए गए। विद्या वर्ल्ड स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में डॉ. अंकिता पांडे ने छात्राओं को प्रारंभिक अवस्था में स्तन कैंसर की जांच का महत्व बताया और इसके बचाव की जानकारी दी।
छात्राओं से कहा कि स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित करने का हमारा उद्देश्य केवल छोटी उम्र से ही इस बीमारी से बचाव के प्रति जागरूक करना है। कहा कि स्तन में बढ़ने वाली 80 प्रतिशत गांठें सामान्य होती हैं और इन्हें नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। बिना शर्म और झिझक के जांच करानी चाहिए। अगर शुरुआती दौर में बीमारी का पता चल जाए तो इसका इलाज आसानी से किया जा सकता है। धूम्रपान, ख़राब दिनचर्या और मोटापा भी कैंसर का कारण बनता है। अपने परिवार और दोस्तों को कैंसर के बारे में जागरूक करना ज़रूरी है।
डॉ. अंकिता ने कहा कि खराब जीवनशैली और फास्ट फूड भी कैंसर का बड़ा कारण बन रहा है। जागरूकता से ही इसे रोका जा सकता है। लोकजनता के सीओओ पार्थो कुंअर ने कहा कि किसी भी स्कूल में कैंसर के विषय पर कोई चर्चा नहीं होती है, जबकि देश में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. लोकजनता ने लोगों को स्तन कैंसर की समय पर जांच, शीघ्र पता लगाने और उपचार के बारे में जागरूक करने के लिए यह पहल शुरू की है। कार्यक्रम में उपप्राचार्य संयोगिता चौधरी समेत 200 छात्राएं मौजूद रहीं।
ब्रेस्ट कैंसर सिर्फ महिलाओं में ही नहीं बल्कि पुरुषों में भी तेजी से बढ़ रहा है।
डॉ. अंकिता पांडे ने कहा कि जब भी स्तन कैंसर की चर्चा होती है तो महिलाओं का जिक्र जरूर होता है। लेकिन, महिलाओं में होने वाले इस आम कैंसर (स्तन कैंसर) के बारे में जानकर आपको हैरानी होगी कि यह अब सिर्फ महिलाओं तक ही सीमित नहीं है बल्कि अब यह पुरुषों में भी तेजी से फैलने लगा है।



