लखनऊ, अमृत विचार: समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विकसित उत्तर प्रदेश @2047 विजन के अनुरूप चल रहा समृद्धि शताब्दी महोत्सव महाअभियान अब एक जन आंदोलन का रूप ले चुका है।
अब तक राज्य भर से 60 लाख से अधिक सुझाव प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 75 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों से हैं। इस अभियान ने छात्रों, शिक्षकों, उद्यमियों, महिलाओं और किसानों के बीच संचार का एक शक्तिशाली माध्यम बनाया है।
प्रदेश के 75 जिलों में नोडल अधिकारियों और प्रबुद्ध लोगों की आयोजित बैठकों में भावी विकसित उत्तर प्रदेश का खाका तैयार करने के संबंध में लोगों की राय ली गई। नागरिकों ने कृषि, शिक्षा, महिला सुरक्षा, कौशल विकास और एमएसएमई सशक्तिकरण जैसे मुद्दों पर अधिकतम सुझाव दिए।
अभियान पोर्टल samarthuttarpramod.up.gov.in पर लगातार फीडबैक प्राप्त हो रहा है। अब तक प्रदेश भर में 50 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों, 556 नगर पंचायतों, 214 नगर पालिकाओं और 18 नगर निगमों में जन जागरूकता बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में चल रहा यह अभियान सरकार और जनता के बीच संवाद को नई दिशा दे रहा है। यह महाअभियान न सिर्फ विकास का रोडमैप तैयार कर रहा है, बल्कि जनभागीदारी को शासन की बुनियाद बनाकर परिकल्पना को साकार करने में भी मील का पत्थर साबित हो रहा है।
कृषि और शिक्षा सबसे बड़ा फोकस क्षेत्र
अब तक मिले सुझावों में कृषि (16 लाख) और शिक्षा (15 लाख) क्षेत्र सबसे प्रमुख रहे हैं. इनके अलावा, नागरिकों ने ग्रामीण विकास (12 लाख), सामाजिक कल्याण (5 लाख), स्वास्थ्य (4 लाख), पशुधन (3 लाख), उद्योग (2.5 लाख) और आईटी-टेक (2 लाख) पर भी अपने विचार साझा किए हैं। जिलेवार आंकड़ों में जौनपुर, संभल, ग़ाज़ीपुर, प्रतापगढ़ और बिजनौर शीर्ष पर रहे.



