गौरव पाल/न्यूज़11 भारत
बहरागोड़ा/डेस्क: महापर्व छठ के अवसर पर मंगलवार को बहरागोड़ा में श्रद्धा एवं अटूट श्रद्धा के साथ छठ महापर्व का भव्य समापन हुआ। इस चार दिवसीय पवित्र अनुष्ठान के अंतिम दिन प्रखंड क्षेत्र के हजारों श्रद्धालु बनकटा पंचायत स्थित वर्णीपाल स्वर्णरेखा नदी घाट पर जुटे और श्रद्धापूर्वक उगते भगवान भास्कर को अंतिम अर्घ्य दिया. इसके साथ ही भक्तों का 36 घंटे का कठिन निर्जला व्रत पूरा हो गया.
स्वर्णरेखा तट पर आस्था का विशाल संगम:
सुबह होते ही स्वर्णरेखा नदी का तट अलौकिक दृश्य का केंद्र बन गया. नदी घाट पर आस्था का विशाल संगम देखने को मिला, जहां सैकड़ों की संख्या में छठ व्रती पहुंचे. पारंपरिक एवं सुंदर परिधान में सजी महिलाएं पूजन सामग्री से भरा सूप (दउरा) लेकर नदी में प्रवेश कीं। विधि-विधान के साथ व्रतियों ने कमर तक पानी में खड़े होकर ध्यानमग्न अवस्था में भगवान भास्कर की पूजा की और उन्हें उगते सूर्य को अर्घ्य देकर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की.
छठ गीतों से भक्तिमय हुआ माहौल:
पूरे घाट परिसर में छठ के पारंपरिक गीतों की मधुर गूंज थी. इन मधुर और मनमोहक गीतों ने पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया, जिससे हर भक्त मंत्रमुग्ध हो गया। छठ व्रतियों की अटूट आस्था और भक्ति से बहरागोड़ा का माहौल पूरी तरह से भर गया है.
सुरक्षा और सुविधाओं के पुख्ता इंतजाम:
त्योहार को शांतिपूर्ण व व्यवस्थित ढंग से संपन्न कराने के लिए बहरागोड़ा पुलिस प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की टीमें पूरी तरह सक्रिय रहीं. घाट परिसर में पुलिस बल के जवान व अधिकारी सतर्क रहे. श्रद्धालुओं की सुरक्षा एवं उन्हें आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिये किये गये व्यापक प्रबन्धों के फलस्वरूप यह महापर्व सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।
यह भी पढ़ें: उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ संपन्न हो गया.



