मंडला समाचार। छवि स्रोत- IBC24 पुरालेख
मंडला मंडला समाचार: मध्य प्रदेश के मंडला जिले से जेल प्रशासन का गंभीर लापरवाही का एक मामला सामने आया है। ज़िला जेल में संयमित एक कैदी का आज ज़िला अस्पताल में इलाज का दौरान मौत हाँ गया। मृतक का रिश्तेदार और वकील द्वारा सीधे ढंग लेकिन जेल प्रबंध लेकिन लापरवाही और इलाज का की कमी में मौत होना का गंभीर दोष लगाए है।। उनका कहना है वह समय रहना कैदी को उपयुक्त इलाज नहीं मिला, किसका जाना उसकी जान चली गयी. कैदी के परिवार और वकील ने उच्च स्तरीय जांच की और अपराधी लेकिन सख्त कार्रवाई की मांग की गई है.
मंडला समाचार: मंडला जिला जेल में बंद विचाराधीन कैदी अजित पटेल की आज जिला अस्पताल में मौत हो गई। अजीत पटेल नाबालिग से छेड़छाड़ के आरोप में 2024 से जेल में थे। मौत के बाद उनके परिजनों और वकील ने जेल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया और कहा कि उचित इलाज के अभाव में कैदी की मौत हुई है. परिजनों का कहना है कि कैदी पिछले कुछ दिनों से बीमार था, लेकिन न तो उन्हें इसकी जानकारी दी गयी और न ही उसे समय पर इलाज मिला. हद तो तब हो गई जब उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया, फिर भी उनके परिवार को सूचित नहीं किया गया। कैदी की मौत के काफी देर बाद उन्हें सूचना दी गई। परिजनों ने इसे घोर लापरवाही माना। अपराधी लेकिन सख्त कार्रवाई की मांग की गई है.
कैदी के वकील ने इस मामले में जेल प्रबंधन की लापरवाही की भी पुष्टि की. करना घटित एक गंभीर दावा किया है। वकील का कहना है वह अतीत सप्ताह ही वे कैदी का बिगड़ती स्थिति को देख रहे घटित डाक का चैनल से नहीं केवल जेल प्रबंध को पत्र लिखकर उचित इलाज की गुहार लगाई था, की अपेक्षा कैदी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी पत्र भेजा है. चिकित्सा इलाज जबलपुर इसे बनवाने की मांग की थी। इसके बावजूद जेल प्रबंधन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया, जिससे कैदी की मौत हो गयी. वकील के मुताबिक, यह साफ तौर पर लापरवाही का मामला है और कैदी की मौत इलाज के अभाव में हुई है. इस मामले पर जेल उपाधीक्षक का कहना है कि कैदी के इलाज में किसी भी तरह की कोई लापरवाही नहीं बरती गई है.
कैदी की मौत के बाद मामला गरमा गया है. परिजनों ने मामले की निष्पक्ष उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है अपराधी कड़ी सजा की मांग की है. कैदी का शव फिलहाल अस्पताल में रखा गया है, कहाँ उसका पोस्टमार्टम किया जायेगा। जिला और पुलिस प्रशासन अब परिवार के सदस्यों और अन्य संबंधित लोगों के बयान दर्ज कर रहा है और आवश्यक कानूनी कार्रवाई कर रहा है। सवाल यह है कि क्या वाकई जेल प्रबंधन को समय पर इलाज कराने का अनुरोध पत्र मिला था. अनदेखा करना और क्या इस मौत के पीछे जेल प्रशासन की कोई लापरवाही है? उच्चस्तरीय जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो पायेगा.



