कानपुर, अमृत विचार। भगवान श्रीकृष्ण के अतिरिक्त संसार में हमारा कोई नहीं है। वह हमारा सच्चा साथी, सच्चा मित्र और सच्चा रक्षक है। जब दुनिया हमारा साथ छोड़ देती है, जब अपने भी पराये हो जाते हैं, तब भी ईश्वर ही एक मात्र सहारा है जो हमारे साथ खड़ा होता है। इसलिए हमें सदैव श्री कृष्ण पर विश्वास रखना चाहिए, क्योंकि वे हमारे थे, हमारे हैं और हमारे ही रहेंगे। हमें अपनी मातृभाषा हिन्दी से भी प्रेम करना चाहिए।
यह सिर्फ भाषा नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और हमारी पहचान है। जो व्यक्ति अपनी भाषा का सम्मान करता है वह वास्तव में अपने देश और अपनी परंपरा का सम्मान करता है। आज जब लोग विदेशी भाषाओं की ओर आकर्षित हो रहे हैं तो हमें गर्व से कहना चाहिए कि हमारी मातृभाषा ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। ये बातें विश्व शांति सेवा समिति के तत्वावधान में मोतीझील में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने कहीं.
उन्होंने कहा कि किसी भी जीव की हत्या करना पाप है. जीव चाहे छोटा हो या बड़ा, ईश्वर का अंश सभी में विद्यमान है। इसलिए, हमें हर जीवित प्राणी के प्रति दयालु और दयालु होना चाहिए। यही सच्चा धर्म है. जब हम जीवित प्राणियों के प्रति दयालु होना सीखते हैं, तभी हमारा हृदय ईश्वर के करीब आता है।
आज के समाज का यह दुर्भाग्य है कि यदि कोई व्यक्ति अच्छा कार्य भी करता है तो लोग उसकी आलोचना और उपहास करने से नहीं कतराते। लेकिन हमें ऐसे लोगों की बातों से प्रभावित नहीं होना चाहिए. अच्छे कर्मों का फल हमेशा शुभ ही होता है भले ही दुनिया तुरंत न देखे लेकिन भगवान सब कुछ देखते हैं। मनुष्य स्वार्थ के कारण ही हमसे जुड़ता है। जब तक उसे लाभ मिलता है, वह हमारे साथ रहता है और जैसे ही स्वार्थ समाप्त हो जाता है, वह चला जाता है।
दुनिया में रिश्ते अक्सर जरूरतों पर आधारित होते हैं, लेकिन भगवान ऐसे नहीं हैं। वे बिना किसी स्वार्थ के हमसे प्यार करते हैं। उनका स्नेह न तो लाभ देखता है और न ही परिस्थितियाँ। जब कथा सुनने के बाद आपके मन में भगवान के प्रति प्रेम जागृत होने लगे, आपका मन सांसारिक बातों से हटकर भगवान का स्मरण करने लगे तो समझ लें कि आप सही रास्ते पर चल रहे हैं।
यही वह दिशा है जो मनुष्य को मोक्ष और सच्चे सुख की ओर ले जाती है। इस मौके पर शिव प्रकाश गुप्ता, जयमाला सिंह, प्रभा शकर वर्मा, पूनम पांडे, विपिन बापजेई, डॉ. यूपी सिंह, राम विनय यादव, सतीश गुप्ता, अजय मिश्रा, अनिल श्रीवास्तव, नीरज वर्मा, रानी अवस्थी, वीरेंद्र गुप्ता, नीलम सेंगर, माया सिंह, आभा गुप्ता, मीना शुक्ला, निर्मला त्रिपाठी, किरन तिवारी, अनु सेंगर, चंद्र प्रभा मौजूद रहीं।



