news11 भारत
रांची/डेस्क:- बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर हलचल शुरू हो गई है. सभी राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने तरीके से प्रचार-प्रसार में जुटी हुई हैं. अगर आप राज्य के पिछले 5 विधानसभा चुनावों को ध्यान से देखेंगे तो पता चलेगा कि पुरुषों के मुकाबले महिलाएं ज्यादा वोट देने आती हैं। फिर भी विधानसभा में उनका प्रतिनिधित्व कम है.
फरवरी 2005 में हुए विधानसभा चुनाव में कुल 234 महिलाओं ने चुनाव लड़ा था। इनमें से केवल 24 महिलाएं ही विधानसभा पहुंची थीं। 2010 की बात करें तो सदन में महिलाओं की संख्या 34 थी. इस विधानसभा चुनाव में कुल 307 महिलाओं ने चुनाव लड़ा था. इनमें से 22 जेडीयू के विधायक थे, जबकि 11 महिला विधायक बीजेपी की थीं. पिछले तीन विधानसभा चुनावों पर नजर डालें तो महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत पुरुषों से ज्यादा रहा है. 2020 के चुनाव में 59.69 फीसदी महिलाओं ने मतदान किया. जबकि पुरुषों का वोटिंग प्रतिशत 54.45 फीसदी रहा. बड़ी संख्या में महिलाओं के मतदान के कारण, नीतीश कुमार की सरकार ने अपने दो दशकों के कार्यकाल के दौरान महिलाओं पर केंद्रित अधिक योजनाएं लागू कीं। सभी पंचायतों में 50 फीसदी आरक्षण, मुफ्त साइकिल योजना शामिल है. जेडीयू के एक नेता ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया- “नीतीश की ताकत महिला मतदाताओं का उनका जाति-तटस्थ निर्वाचन क्षेत्र है, जिसे उन्होंने 11 लाख स्वयं सहायता समूहों, 1.4 करोड़ आजीविका कार्यकर्ताओं और 1.21 करोड़ महिला उद्यमियों को 10,000 रुपये की सहायता प्रदान करके मजबूत किया है।”
ये भी पढ़ें:- 29-30 तक रांची समेत झारखंड के कई इलाकों में भारी बारिश की संभावना



