नर्सिंग काउंसिल द्वारा नर्सिंग कॉलेजों को दी गई मान्यता में अनियमितता और फर्जीवाड़े की शिकायत अब क्राइम ब्रांच पुलिस करेगी, राज्य साइबर सेल पुलिस मुख्यालय ने इस आशय के आदेश जारी कर दिए हैं, आदेश में एनएसयूआई द्वारा की गई शिकायत का जिक्र किया गया है.
हाल ही में मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल द्वारा नर्सिंग कॉलेजों को दी गई मान्यता पर भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन लगातार सवाल उठा रहा है। 13 सरकारी कॉलेजों को मान्यता नहीं देने की जानकारी मीडिया में आने के बाद से परिषद की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं और एनएसयूआई जांच की मांग कर रही है.
हाल ही में एनएसयूआई ने पुलिस को शिकायती आवेदन देकर मान्यता के लिए दिए गए नर्सिंग कॉलेजों के आवेदनों और पूरी प्रक्रिया की जांच की मांग की थी, जिस पर अब राज्य साइबर सेल पुलिस मुख्यालय ने आदेश जारी कर जांच की जिम्मेदारी क्राइम ब्रांच भोपाल को सौंपी है.
एनएसयूआई ने मान्यता देने में फर्जीवाड़े का आरोप लगाया है
दरअसल, एनएसयूआई का आरोप है कि मान्यता देने में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं और धोखाधड़ी की गई है, संगठन का आरोप है कि कॉलेज संचालकों, नर्सिंग काउंसिल के अधिकारियों और एमपी ऑनलाइन के अधिकारियों की मिलीभगत से एक बड़े संगठित साइबर अपराध को अंजाम दिया गया है और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए.
जांच के लिए पुलिस उपायुक्त अपराध, भोपाल जिम्मेदार हैं।
एनएसयूआई की शिकायत के बाद अब राज्य साइबर सेल पुलिस मुख्यालय ने पुलिस उपायुक्त अपराध, शहर पुलिस भोपाल को जांच के आदेश दिए हैं। आदेश में एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार द्वारा की गई शिकायत का जिक्र है जिसमें नर्सेज रजिस्ट्रेशन काउंसिल के पोर्टल पर नर्सिंग कॉलेजों द्वारा किए गए आवेदनों में गंभीर अनियमितता की बात कही गई है.
फर्जी दस्तावेजों और अधूरी जानकारी के जरिए मान्यता हासिल करने का आरोप
जांच की जिम्मेदारी क्राइम ब्रांच को सौंपने के बाद एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने कहा कि मध्य प्रदेश नर्सेज रजिस्ट्रेशन काउंसिल के एमपी ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से मान्यता के लिए नर्सिंग कॉलेजों द्वारा किए गए आवेदनों में बड़े पैमाने पर नियमों का उल्लंघन किया गया है। कई कॉलेजों ने फर्जी दस्तावेजों और अधूरी जानकारी के बावजूद मान्यता हासिल कर ली। यह सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही नहीं है बल्कि शिक्षा माफिया, कुछ अधिकारियों और एक निजी सेवा प्रदाता कंपनी द्वारा किया गया एक संगठित साइबर अपराध है।
एमपी ऑनलाइन, नर्सेज रजिस्ट्रेशन काउंसिल के अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप
रवि परमार ने कहा कि एमपी ऑनलाइन और नर्सेज रजिस्ट्रेशन काउंसिल दोनों की मिलीभगत से जिन कॉलेजों को गलत मान्यता मिली है, उन्हें भविष्य में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। इसका खामियाजा मध्य प्रदेश समेत देशभर के लाखों नर्सिंग छात्रों को भुगतना पड़ेगा. यह मामला न सिर्फ शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाता है बल्कि राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था की साख पर भी गंभीर असर डालता है.
कार्रवाई न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी
परमार का कहना है कि जब तक इस संगठित अपराध में शामिल कॉलेज संचालकों, नर्सेज काउंसिल के पदाधिकारियों और निजी कंपनी के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक एनएसयूआई छात्र हितों की इस लड़ाई को सड़क से लेकर प्रशासन तक जारी रखेगी और बड़ा आंदोलन करेगी.



