बीजापुर. छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के नक्सल प्रभावित सुदूर गांव कंडापार्टी-2 में एक नए सुरक्षा और सार्वजनिक सुविधा शिविर की स्थापना ने क्षेत्र में सुरक्षा बहाल करने और विकासात्मक पहुंच को मजबूत करने के लिए एक नई पहल का संकेत दिया है।
यह शिविर छत्तीसगढ़ शासन की ‘नियाद नेला नार’ योजना के अंतर्गत 25 अक्टूबर को स्थापित किया गया है। इस शिविर का उद्देश्य न केवल अंतरराज्यीय नक्सली गतिविधियों पर अंकुश लगाना है बल्कि स्थानीय नागरिकों को स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, पेयजल और मोबाइल कनेक्टिविटी जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना भी है।
बीजापुर जिले के पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र कुमार यादव ने कहा, “यह पहल सुरक्षा और विकास के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी है। यह शिविर स्थानीय आबादी के लिए विश्वास का प्रतीक बनेगा और कठिन क्षेत्रों में विकास के द्वार खोलेगा।” विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद सुरक्षा बलों ने सफलतापूर्वक इस शिविर की स्थापना की। यह कदम एक बड़े रणनीतिक प्रयास का हिस्सा है।
आंकड़ों के मुताबिक, साल 2024 से अब तक बीजापुर जिले में कुल 20 नए सुरक्षा शिविर स्थापित किए गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप 599 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। इस दौरान मुठभेड़ों में 196 माओवादी मारे गये और 982 गिरफ्तार किये गये. इस नई स्थापना के साथ, प्रशासन का लक्ष्य भोपालपटनम से फरसेगढ़, सेंदड़ा और गढ़चिरौली तक संपर्क मार्ग को मजबूत करना भी है। यह पहल न केवल सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में मददगार साबित होगी बल्कि क्षेत्र के दीर्घकालिक विकास और एकीकरण की नींव भी रखेगी।



