मुरादाबाद, अमृत विचार। प्रदेश में अब बिजली विभाग की 41 साल पुरानी व्यवस्था लागू होने जा रही है। उपभोक्ताओं को बेहतर और पारदर्शी सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से सरकार एक नवंबर से वर्टिकल रिस्ट्रक्चरिंग सिस्टम लागू करने जा रही है। नई व्यवस्था शुरू हो चुकी है और इसका ट्रायल लखनऊ, मेरठ, अलीगढ़, बरेली, कानपुर, सहारनपुर, नोएडा और गाजियाबाद में किया जा चुका है। नई व्यवस्था अन्य जिलों में भी एक साथ लागू होगी।
नई व्यवस्था में बिजली संबंधी सभी कार्य जैसे नया कनेक्शन लेना, लोड बढ़ाना या घटाना, बिल सुधार, रखरखाव और आपूर्ति संबंधी समस्याएं अब अलग-अलग अधिकारियों और कर्मचारियों के माध्यम से निपटाई जाएंगी। यह व्यवस्था पूरी तरह से फेसलेस और नेमलेस होगी. उपभोक्ताओं को यह पता नहीं चलेगा कि उनका आवेदन किस अधिकारी के पास है। इससे कार्य प्रक्रिया में पारदर्शिता एवं जवाबदेही बढ़ेगी। शिकायतों या समस्याओं के समाधान के लिए उपभोक्ता अब हेल्पलाइन नंबर 1912 या शहर में स्थापित हेल्प डेस्क पर संपर्क कर सकेंगे।
वर्तमान में लागू वन विंडो सिस्टम में एक ही अधीक्षण अभियंता (एसई) और उनके अधीन एई-जेई (एई-जेई) को बिजली आपूर्ति और राजस्व दोनों की जिम्मेदारी दी गई थी। अब इन कार्यों को अलग-अलग शाखाओं में बांटा जा रहा है, ताकि हर विभाग अपने काम के प्रति जवाबदेह हो. मुख्य विद्युत विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस नए सिस्टम का ट्रायल मेरठ, अलीगढ़, बरेली और कानपुर में सफल रहा है। अब इसे अगले चरण में मुरादाबाद समेत नौ शहरों में लागू किया जा रहा है। बाद में यह व्यवस्था प्रदेश के सभी जिलों में लागू की जायेगी. अधिकारियों का कहना है कि यह बदलाव जनहित में किया गया है, ताकि उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधाएं मिल सकें.



