20.8 C
Aligarh
Monday, October 27, 2025
20.8 C
Aligarh

ग्रामीणों ने प्रशासन को दिखाया आईना, श्रम दान कर बनाई सड़क


जगरनाथ पासवान, गुमला ग्रामीणों ने श्रमदान कर सड़क बनाकर प्रशासन को आइना दिखाया है. शासन-प्रशासन की उपेक्षा झेल रहे ग्रामीणों ने अपनी जेब से पैसे लगाकर सड़क को चलने लायक बनाया। हर साल गांव में ग्रामीण आपस में चंदा करते हैं। आइए बारिश में टूटी सड़क की मरम्मत कराएं। ग्रामीण सड़कों की मरम्मत में पैसा लगाने के अलावा वे श्रम दान भी करते हैं। ये चलन पिछले कई सालों से चला आ रहा है. इसके बाद भी प्रशासन उक्त सड़क का पक्कीकरण नहीं करा रहा है. हम बात कर रहे हैं उग्रवाद प्रभावित चैनपुर प्रखंड के मालम नवाटोली गांव की सड़क की. यह सड़क करीब एक हजार की आबादी वाले मालम नवाटोली, मालम, तिगावल व खंभनटोली की मुख्य सड़क है. यह सड़क करीब दो किमी लंबी है. सड़क पर कहीं गड्ढा है तो कहीं जलजमाव की समस्या है. लेकिन आजादी के दशकों बाद भी गांव के लोगों को पक्की सड़क नहीं मिल सकी है. हालांकि, गांव के लोग सड़क निर्माण कराने के लिए पंचायत जनप्रतिनिधि, प्रशासन, विधायक व सांसद से गुहार लगा चुके हैं. लेकिन अभी तक गांव की सड़क कच्ची है. हर साल बरसात के मौसम में मालम में ग्राम सभा में इस सड़क को बनाने का प्रस्ताव पारित किया जाता है. सड़क बनाने के लिए पंचायत के जन प्रतिनिधियों, प्रखंड कार्यालय से लेकर जिला कार्यालय और गुमला विधायक तक कई बार आवेदन दे चुके हैं. लेकिन अभी तक सड़क नहीं बनी है. माइकल टिग्गा, ग्रामीण हम भारत के नागरिक होने के नाते भारतीय संविधान के तहत हर चुनाव में भाग लेते हैं. वोट करें और सांसद, विधायक और गांव की सरकार चुनें। ताकि वे गांव की समस्याओं का समाधान कर सकें. लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद सब भूल जाते हैं. दयामनी कुजूर, ग्रामीण देश की आजादी के दशकों बाद भी गांव की मुख्य सड़क की हालत आज भी खराब है. गांव की सड़क करीब 30 साल पहले मिट्टी-मोरम से बनाई गई थी। आज भी हम उसी तरह से सड़क की मरम्मत करने को मजबूर हैं. प्रशासन या सरकार को सड़क का निर्माण कराना चाहिए. रुबिन बेक ने ग्रामीण सरकार, प्रशासन व जन प्रतिनिधियों से सड़क का समुचित निर्माण कराने की मांग की है. लेकिन सड़क नहीं बन रही है. खराब सड़कों के कारण गांव का विकास नहीं हो रहा है। चाहे हमारी जिंदगी कैसी भी गुजरी. लेकिन हम चाहते हैं कि हमारे बच्चे विकास की मुख्य धारा से जुड़ें। जोसेफ बेक, ग्रामीण

अस्वीकरण: यह लोकजनता अखबार का स्वचालित समाचार फ़ीड है. इसे लोकजनता.कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

FOLLOW US

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
spot_img

Related Stories

आपका शहर
Youtube
Home
News Reel
App