देवी लक्ष्मी की बड़ी बहन अलक्ष्मी को दरिद्रता और कलह की देवी कहा गया है। देवी अलक्ष्मी को दरिद्रता और कलह की देवी कहा गया है। आइये जानते हैं कि अलक्ष्मी कौन हैं, उनका जन्म कैसे हुआ और वे किन स्थानों पर निवास करती हैं।
प्रकाशित तिथि: शनिवार, 25 अक्टूबर 2025 03:21:28 अपराह्न (IST)
अद्यतन दिनांक: शनिवार, 25 अक्टूबर 2025 03:21:28 अपराह्न (IST)
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- अलक्ष्मी, देवी लक्ष्मी की बड़ी बहन।
- अलक्ष्मी की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई थी।
- यहां देवी अलक्ष्मी का वास है।
धर्म डेस्क. हिंदू धर्म में देवी लक्ष्मी को धन, ऐश्वर्य और समृद्धि की देवी माना जाता है। जहां देवी लक्ष्मी का वास होता है वहां कभी दरिद्रता नहीं आती। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि लक्ष्मी जी की एक बड़ी बहन अलक्ष्मी भी हैं, जिनका स्वभाव और स्वरूप लक्ष्मी जी से विपरीत है।
देवी अलक्ष्मी को दरिद्रता और कलह की देवी कहा गया है। आइये जानते हैं कि अलक्ष्मी कौन हैं, उनका जन्म कैसे हुआ और वे किन स्थानों पर निवास करती हैं।
देवी अलक्ष्मी की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई थी।

पौराणिक मान्यता के अनुसार, पद्मपुराण में वर्णित है कि जब देवताओं और राक्षसों ने समुद्र मंथन किया तो सबसे पहले देवी अलक्ष्मी प्रकट हुईं। उसके बाद देवी लक्ष्मी प्रकट हुईं।
ऐसा कहा जाता है कि अलक्ष्मी ने आसुरी शक्तियों का पक्ष लिया, जबकि लक्ष्मी जी ने भगवान विष्णु को अपना पति स्वीकार कर लिया। इसी कारण लक्ष्मी जी को सुख-समृद्धि की देवी और अलक्ष्मी को दरिद्रता की देवी कहा गया।
देवी अलक्ष्मी कहाँ निवास करती हैं?

जब देवी अलक्ष्मी ने देवताओं से पूछा कि उन्हें कहां रहना चाहिए, तो देवताओं ने कहा- जहां झगड़े, अशांति और गंदगी होगी, जहां लोग अधर्मी कार्य करते हैं और महिलाओं का अपमान करते हैं, जहां झूठ बोला जाता है और स्वच्छता का अभाव है, वहां आप निवास करेंगे।
इसलिए ऐसा माना जाता है कि जहां स्वच्छता, शांति और धर्म का पालन किया जाता है, वहां देवी अलक्ष्मी प्रवेश नहीं कर पातीं।
नींबू और मिर्च के टुकड़े क्यों लटकाये जाते हैं?
आपने अक्सर घरों और दुकानों के बाहर नींबू और मिर्च लटके हुए देखे होंगे। इसके पीछे मान्यता यह है कि देवी अलक्ष्मी को खट्टा और मसालेदार स्वाद पसंद है।
ऐसे में माना जाता है कि नींबू-मिर्च का पाउडर लटकाने से वे दरवाजे पर ही चख लेते हैं और घर में प्रवेश नहीं करते। इसलिए दरिद्रता और नकारात्मक ऊर्जा से बचाव के लिए यह उपाय किया जाता है।



