बिजेश प्रसाद/न्यूज़11 भारत
इटखोरी/डेस्क: आस्था, भक्ति और पवित्रता का प्रतीक चार दिवसीय महापर्व छठ पूजा आज पूरे प्रखंड क्षेत्र में श्रद्धा और भक्ति के माहौल में नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया। श्रद्धालु महिलाएं सुबह से ही व्रत की तैयारी में जुट गयीं. श्रद्धालु आसपास की नदियों, तालाबों और कुओं में विधिपूर्वक स्नान करने के बाद घर लौटे और पवित्रता के साथ कद्दू, चावल और चने की दाल का प्रसाद तैयार किया। परंपरागत रूप से, इसे सूर्य देव को अर्पित करने के बाद स्वयं खाया जाता था और फिर प्रसाद को परिवार और पड़ोसियों के बीच वितरित किया जाता था। नहाय-खाय के साथ ही छठ के गीत वातावरण में गूंजने लगे हैं. केलवा जे फरेला घवद से…जैसे पारंपरिक धुनों से पूरा इलाका भक्तिमय हो गया है। ठेकुआ, सूप, दउरा, नारियल, गन्ना, केला, नींबू और फल-फूल की खरीदारी के लिए बाजारों में काफी भीड़ देखी जा रही है. महिलाएं साफ-सफाई और प्रसाद बनाने में व्यस्त हैं, जबकि पुरुष छठ घाटों को सजाने और साफ-सफाई की जिम्मेदारी संभालने में व्यस्त हैं.
आने वाले दिनों में खरना, संध्या अर्घ्य और उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही यह महापर्व संपन्न हो जाएगा.
घाटों की सुरक्षा और साफ-सफाई के लिए स्थानीय प्रशासन की ओर से विशेष इंतजाम किये जा रहे हैं.
इटखोरी प्रखंड के भद्रकाली नदी घाट, परोका कलना, करनी, धनखेरी परसौनी और आसपास के घाटों पर इस बार श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है.
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