डॉक्टर आत्महत्या: महाराष्ट्र के सतारा जिले में आत्महत्या करने वाली महिला डॉक्टर ने एक पुलिस अधिकारी पर उसके साथ बार-बार बलात्कार करने का आरोप लगाया था। सूत्रों के हवाले से इंडिया टुडे ने बताया कि मेडिकल रिपोर्ट को फर्जी बनाने के लिए न सिर्फ पुलिस बल्कि एक सांसद ने भी उन पर दबाव डाला था. डॉक्टर के एक रिश्तेदार ने पहले दावा किया था कि अप्राकृतिक मौत के मामलों में पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदलने के लिए पुलिस उन पर अक्सर दबाव डालती थी। इसके अलावा जब गिरफ्तार लोगों को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल लाया गया तो उनसे रिपोर्ट के साथ छेड़छाड़ करने के लिए भी कहा गया. इस दबाव व प्रताड़ना के कारण उसकी मानसिक स्थिति खराब हो गयी.
सतारा की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वैशाली कदुस्कर ने कहा, “अगर महिला डॉक्टर की शिकायत पर समय पर कार्रवाई की गई होती या उसने खुद अपने साथ हो रहे अत्याचार के बारे में किसी को बताया होता तो शायद आज उसकी जान बचाई जा सकती थी। एक महिला पुलिस अधिकारी होने के नाते मैं इस घटना से बहुत आहत और व्यथित हूं।”
हथेली पर ‘सुसाइड नोट’
महाराष्ट्र के सतारा जिले के एक सरकारी अस्पताल में कार्यरत एक महिला डॉक्टर ने कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने कहा कि डॉक्टर ने अपनी हथेली पर एक ‘सुसाइड नोट’ छोड़ा, जिसमें उसने एक पुलिसकर्मी पर बार-बार बलात्कार और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने इस घटना का संज्ञान लिया और सतारा के पुलिस अधीक्षक तुषार दोशी से फोन पर बात की. उन्होंने सुसाइड नोट में नामित पुलिस उपनिरीक्षक को तत्काल निलंबित करने का आदेश दिया.
होटल के कमरे में लटका मिला शव
पुलिस अधिकारी के मुताबिक, बीड जिले की 28 वर्षीय महिला डॉक्टर फलटन तहसील के एक सरकारी अस्पताल में काम करती थी। गुरुवार देर रात उनका शव फलटन के एक होटल के कमरे में लटका हुआ मिला। अपनी हथेली पर लिखे ‘सुसाइड नोट’ में डॉक्टर ने आरोप लगाया कि पिछले पांच महीनों में सतारा पुलिस के एक सब-इंस्पेक्टर ने उसके साथ कई बार बलात्कार किया, जबकि एक अन्य व्यक्ति उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा था।



