इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का गंभीर मामला सामने आया है. यहां प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में पीजी प्रथम वर्ष की एक छात्रा ने अपने चार सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों पर पिछले चार महीने से उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। लगातार तनाव और प्रताड़ना के कारण छात्रा का वजन 22 किलो कम हो गया, जिसके बाद उसे एमवाय अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.
पीड़ित छात्र ने इस मामले की शिकायत नेशनल एंटी रैगिंग सेल में दर्ज कराई है. शिकायत के बाद कॉलेज की एंटी रैगिंग कमेटी ने जांच शुरू कर दी है.
प्रतीकात्मक छवि MpbnAi द्वारा
‘वरिष्ठों ने जिंदगी नरक बना दी है’
नेशनल एंटी रैगिंग सेल को भेजी अपनी शिकायत में छात्रा ने कहा कि उसके सीनियर्स के व्यवहार ने उसकी जिंदगी नरक बना दी है. छात्रा का आरोप है कि उसे लगातार परेशान किया जा रहा है.
शिकायत के मुताबिक, आरोपी सीनियर्स उसे ऑपरेशन थिएटर (ओटी) से बाहर निकालने की धमकी देते हैं, उसकी छुट्टियों के बारे में झूठी अफवाहें फैलाते हैं और उसे बार-बार नाइट ड्यूटी करने के लिए मजबूर करते हैं। छात्रा का कहना है कि उसका काम का बोझ भी बढ़ा दिया गया है.
“व्हाट्सएप ग्रुप पर भी, वे मेरा अपमान करते हैं, अपमानजनक बातें लिखते हैं और अगर मैं इन चीजों का विरोध करता हूं, तो वे मुझे और अधिक परेशान करने और मानसिक यातना देने की धमकी देते हैं।” -पीड़ित छात्र (शिकायत में)
जांच शुरू, बयान दर्ज किए जा रहे हैं
शिकायत मिलने के बाद एमजीएम मेडिकल कॉलेज की एंटी रैगिंग कमेटी ने तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी है. कमेटी ने पीड़ित छात्र और आरोपी सीनियर डॉक्टरों के बयान दर्ज किए हैं. छात्रा के परिजनों का कहना है कि वह इस प्रताड़ना से पूरी तरह टूट चुकी है और फिलहाल उसकी हालत ठीक नहीं है.
जांच पूरी होने के बाद कमेटी के सदस्य अपनी रिपोर्ट नेशनल एंटी रैगिंग सेल और कॉलेज प्रशासन को सौंपेंगे। इस रिपोर्ट के आधार पर आरोपी डॉक्टरों के खिलाफ आगे की कार्रवाई तय की जाएगी. पिछले कुछ समय से मध्य प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में रैगिंग के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, जिससे प्रशासन और अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है.



