बुरहानपुर/इंदौर, 23 अक्टूबर (भाषा) मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले की थोक मंडियों में केले की गिरती कीमतों से परेशान किसानों के विरोध प्रदर्शन के बीच एक किसान ने इस फसल की उचित कीमत दिलाने की मांग की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए एक अनोखा संकल्प लिया है।
इस किसान ने ऐलान किया है कि जब तक उसे अपनी केले की फसल की सही कीमत नहीं मिल जाती, वह अर्धनग्न रहेगा और जूते-चप्पल भी नहीं पहनेगा.
महाराष्ट्र सीमा पर स्थित बुरहानपुर मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा केला उत्पादक जिला है जहां कई किसानों की आजीविका इस फसल पर निर्भर करती है। जिले के केला उत्पादक किसान किशोर वासनकर (44) ने गुरुवार को पीटीआई-भाषा को फोन पर बताया, ”जब तक बुरहानपुर के केला किसानों को उनकी उपज का उचित दाम नहीं मिल जाता, मैं अपने शरीर के ऊपरी हिस्से पर कोई कपड़ा और पैरों में जूते नहीं पहनूंगा।”
वासनकर के मुताबिक, बुरहानपुर जिले में 2018 से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत केले की फसल का बीमा नहीं किया जा रहा है, जबकि पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में केला उत्पादक किसानों को केंद्र सरकार की इस योजना का लाभ मिल रहा है.
उन्होंने बताया कि बुरहानपुर के थोक बाजारों में केले की फसल की कीमत दो से तीन रुपये प्रति किलोग्राम तक गिर गई है, जिससे इसकी खेती किसानों के लिए भारी घाटे का सौदा बन गई है और वे कर्ज में डूब रहे हैं.
वासनकर ने कहा, ”किसानों से बहुत सस्ते दाम पर केला खरीदा जा रहा है और खुदरा बाजार में महंगे दाम पर बेचा जा रहा है. यह एक बड़ा विरोधाभास है.
इस बीच, केले की फसल को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के दायरे में लाने और अन्य मांगों को लेकर बुरहानपुर में बड़ी संख्या में ट्रैक्टरों के साथ जुटे किसानों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया.
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, प्रदर्शनकारी किसानों ने जिलाधिकारी कार्यालय में जबरन घुसने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया.
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि धक्का-मुक्की के कारण जिलाधिकारी कार्यालय के प्रवेश द्वार पर लगा शीशा टूट गया.
हालांकि, शहर पुलिस अधीक्षक (सीएसपी) गौरव पाटिल ने कहा कि किसानों को समझाने के बाद उनका विरोध ‘शांतिपूर्वक’ समाप्त हो गया.
भाषा सं. आनंद
राजकुमार
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