काशिफ अख्तर/न्यूज़11 भारत
कोडर/डेस्क: सदर अस्पताल प्रबंधन के निर्देशानुसार जो जांच सुविधा अस्पताल के पैथोलॉजी में उपलब्ध नहीं है, उसे अस्पताल परिसर में मौजूद पीपीपी मोड पर संचालित पैथोलॉजी एसआरएल के माध्यम से किया जाना है. इसके बावजूद एक मामला सामने आया है कि एचआईवी जांच के लिए आईसीटीसी में आये मरीजों को अस्पताल की पैथोलॉजी में सैंपल लेने के बाद प्राइवेट जांच के लिए घर भेज दिया गया.
मधुबन (कोडरमा) निवासी अंजलि देवी, पति पंकज यादव ने बताया कि आईसीटीसी में पदस्थापित कर्मचारी नवीन कुमार ने उन्हें यह कहकर निजी लैब में जांच कराने के लिए भेज दिया कि एसआरएल लैब बंद है. अंजलि देवी के मुताबिक, प्राइवेट लैब में टेस्ट के लिए उनसे 800 रुपये मांगे गए. आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण उसने छठ पर्व के बाद जांच कराने की सोची और बिना जांच कराये ही वापस लौटने लगी. लेकिन बाद में जानकारी मिली कि एसआरएल लैब खुली है, जहां यही जांच महज 233 रुपये में हो जाती है.
आईसीटीसी प्रभारी मामले से अंजान हैं
इस मामले में आईसीटीसी प्रभारी सुमिता कुमारी ने कहा कि मुझे इस मामले की जानकारी नहीं है, उन्होंने आगे कहा कि सदर अस्पताल के पैथोलॉजी और अस्पताल परिसर में संचालित एसआरएल में सस्ती दर पर जांच की सुविधा है, आईसीटीसी से सभी मरीजों को उपरोक्त दो स्थानों पर ही भेजा जाता है.
इस मामले पर सामाजिक कार्यकर्ता असीम सरकार ने कहा कि सदर अस्पताल में जांच की सुविधा है, फिर भी बिचौलिए लगे हुए हैं और मरीजों को जांच और क्लेम के लिए बाहर भेज देते हैं. उन्होंने आगे कहा कि इसके अलावा भी कई मुद्दे हैं, जिनको लेकर आंदोलन की तैयारी की जा रही है.
सूत्रों के अनुसार अस्पताल में बैठे कर्मचारियों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले गरीब असहाय मरीजों को मोबाइल फोन के माध्यम से प्रलोभन देकर व्यक्तिगत जांच के लिए लाइन में लगवाया जाता है। इस पूरे मामले में कमीशन के लेन-देन की बात सामने आ रही है. अस्पताल प्रबंधन के सख्त निर्देश और कोडरमा उपायुक्त के स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के प्रयास के बावजूद यह गड़बड़ी नहीं रुक रही है.
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