प्रयागराज. उत्तर प्रदेश में प्रयागराज के संगम तट पर महाकुंभ के बाद माघ मेले में मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की आवाज जोर पकड़ने लगी है. जनवरी में लगने वाले माघ मेले में इस बार भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. साधु-संत भी माघ मेले की तैयारी में जुटे हैं. संत इस माघ मेले में मुसलमानों के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध की मांग कर रहे हैं.
गुरुवार को श्रृंगवेरपुर पीठाधीश्वर और जगद्गुरु शांडिल्य महाराज ने भी यही मांग की. उन्होंने मेला प्राधिकरण के अधिकारियों को पहले ही सूचित कर दिया है कि माघ मेले में किसी भी स्तर पर मुसलमानों को प्रवेश न दिया जाए. अन्यथा वे आये तो ऐसी स्थिति में आंदोलन करने को बाध्य होंगे.
शांडिल्य महाराज ने कहा, “जब हिंदू मक्का-मदीना नहीं जाते तो मुसलमान हमारे आयोजन महाकुंभ या माघ मेले में क्यों आएंगे. माघ मेला एक पवित्र स्थान है. यहां बड़ी संख्या में साधु-संत और कल्पवासी कल्पवास करते हैं.”
इस शुद्धता और पवित्रता का पूरी तरह से पालन किया जाता है लेकिन इन (मुसलमानों) की पवित्रता आने की गारंटी नहीं दी जा सकती। आए दिन उनके वीडियो वायरल होते रहते हैं, जिसमें देखा जा सकता है कि वे कितनी सटीकता से काम करते हैं.”
उन्होंने कहा, संगम पर माघ मेला क्षेत्र पूरी तरह से सनातनियों का है, उन्हें इसे रोकना होगा। दरअसल, इस साल जनवरी में महाकुंभ मेले का आयोजन किया गया था. इसमें करोड़ों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई.
महाकुंभ मेले के शुरुआती दिनों में संतों और विभिन्न अखाड़ों की ओर से मांग उठी थी कि महाकुंभ मेले में मुसलमानों का प्रवेश वर्जित किया जाना चाहिए. यह मांग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने भी रखी गई थी। लेकिन इसका शत-प्रतिशत अनुपालन नहीं हो सका. लेकिन अब माघ मेले से पहले एक बार फिर ऐसी मांग उठी है.
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