लखनऊ, अमृत विचार। लखनऊ के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने 2016 में 10 साल के बच्चे के अपहरण और हत्या के मामले में आरोपी राजू उर्फ करिया को बरी कर दिया है. अदालत ने अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत पर्याप्त साक्ष्य के अभाव के आधार पर आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए यह फैसला सुनाया.
दरअसल, साल 2016 में कृष्णानगर थाना क्षेत्र में 10 साल के बच्चे विपिन शर्मा का अपहरण कर लिया गया था और बाद में उसकी हत्या कर दी गई थी. पीड़ित के पिता वेद प्रकाश ने बच्चे के मामा राजू उर्फ करिया पर अपहरण व हत्या का आरोप लगाया था. पुलिस ने शिकायत और जांच के आधार पर आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. 16 दिसंबर 2016 को मामला सेशन कोर्ट को सौंपा गया, जिसका फैसला इसी महीने 17 अक्टूबर को आया.
फैसले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रवींद्र प्रसाद गुप्ता ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ अपराध साबित करने में विफल रहा. अत: राजू उर्फ करिया को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया। इतना ही नहीं कोर्ट ने इस पूरे मामले में पुलिस जांच की गुणवत्ता पर भी नाराजगी जताई है. कोर्ट ने कहा है कि इतने गंभीर मामले में विवेचक ने विधिसम्मत और वैज्ञानिक तरीके से जांच नहीं की. इसके अलावा कोर्ट ने पर्यवेक्षी अधिकारी पर भी गंभीर टिप्पणी की है. इस मामले में बचाव पक्ष के वकील अनिल कुमार पांडे, त्रिभुवन पांडे और सुहर्ष श्रीवास्तव रहे हैं।
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