मुरादाबाद, अमृत विचार। रोशनी के त्योहार दिवाली पर सावधानी से आतिशबाजी करें। आतिशबाजी का धुआं और चिंगारी आंखों को नुकसान पहुंचा सकती है। ध्यान रखें कि अगर आंख में चिंगारी चली जाए तो तुरंत पानी डालें। घरेलू उपाय के तौर पर आंखों में कभी भी दूध या घी न डालें। अगर आप लापरवाही बरतेंगे तो आपकी आंखों की रोशनी कम हो सकती है या फिर आपकी आंखों की रोशनी भी जा सकती है।
जिला अस्पताल की नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. मोनिका सैन का कहना है कि दिवाली पर आतिशबाजी के दौरान बच्चों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। बच्चों को स्वयं आतिशबाजी न करने दें। फुलझड़ी, अनार और साइकिल के इस्तेमाल के दौरान निकलने वाली चिंगारी आंखों में जाकर कॉर्निया को नुकसान पहुंचा सकती है। कॉर्निया पर चिंगारी लगने से आंखों की रोशनी जाने का खतरा रहता है। आतिशबाजी करते समय चश्मा पहनें ताकि चिंगारी आंखों में न जाए।
बच्चों से कहें कि फुलझड़ी हाथ ऊपर करके नहीं, बल्कि हाथ आगे करके जलाएं। अनार और चक्र संभालते समय एक हाथ की दूरी रखें। वह बताती हैं कि अगर आंख में चिंगारी चली जाए तो उसे रगड़ें नहीं। आंखों को साफ पानी से अच्छी तरह साफ करें। तुरंत डॉक्टर से मिलें ताकि आवश्यक उपचार शुरू हो सके। समय पर इलाज न करने पर घाव हो जाते हैं। जब घाव ठीक हो जाता है तो सफेद निशान बन जाता है।
D शब्द से लिखी दवा जानलेवा हो सकती है
नेत्र रोग विशेषज्ञों का कहना है कि आंख में चिंगारी लगने पर अगर आप केमिस्ट से दवा खरीदने जा रहे हैं तो ध्यान रखें कि दवा पर डी शब्द न लिखा हो. आंखों की दवा पर डी लिखे होने का मतलब है कि इसमें स्टेरॉयड है। यह दवा चिंगारी लगने पर तुरंत राहत तो दे सकती है, लेकिन घाव बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है।