लखनऊ, अमृत विचार: रामनगरी अयोध्या सज गई है. दिवाली से पहले यहां झांकी निकाली गई थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत प्रदेश सरकार के कई नेता और मंत्री पहुंचे हैं. हालांकि, राज्य के दोनों मुख्यमंत्रियों का कार्यक्रम नजर नहीं आया. अब इसे लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने तीखा तंज कसा है.
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल भी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुईं. गौरतलब है कि साल 2017 में बीजेपी सरकार आने के बाद से अयोध्या में दीपोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. यह पहली बार है जब इस कार्यक्रम में न तो राज्यपाल और न ही दोनों उपमुख्यमंत्री नजर आये.
नाराजगी की वजह क्या है?
अब चर्चा है कि उपमुख्यमंत्रियों की नाराजगी की वजह दीपोत्सव के प्रचार-प्रसार से जुड़ा एक विज्ञापन है. विभिन्न अखबारों में प्रकाशित विज्ञापन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीरें तो थीं, लेकिन दोनों उपमुख्यमंत्रियों के नाम या तस्वीरें गायब थीं. विज्ञापन में उनकी जगह पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह और कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही का नाम शामिल किया गया. उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक के अयोध्या न जाने को इसी पहलू से जोड़कर देखा जा रहा है.
अखिलेश यादव का बीजेपी पर हमला
इस मामले को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी पर तीखा कटाक्ष किया. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, विज्ञापन में जूनियर मंत्रियों के नाम तो हैं, लेकिन उपमुख्यमंत्रियों के नाम गायब हैं. क्या यह ‘प्रमुख मानसिकता’ है या ‘अपनों को किनारे करने’ की सोच? इस बार डिप्टी सीएम बाहर हैं!”
उठते सवालों के बीच सफाई
इस विवाद पर सफाई देते हुए कहा गया कि विज्ञापन सूचना विभाग की ओर से जारी किया गया था. चूंकि सूर्य प्रताप शाही अयोध्या के प्रभारी मंत्री हैं और जयवीर सिंह संस्कृति मंत्री हैं, इसलिए विज्ञापन में उनका नाम शामिल किया गया है.