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Sunday, October 19, 2025
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UP News: उत्तर प्रदेश की डिजिटल युग में छलांग, योगी सरकार बना रही नया आईटी हब


UP News: उत्तर प्रदेश अब भारत का दिल ही नहीं बल्कि डिजिटल क्रांति का केंद्र भी बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों और दूरदर्शिता ने राज्य में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र को एक नई पहचान दी है। लखनऊ से वाराणसी तक आईटी नेटवर्क का विस्तार युवाओं के सपनों को नई उड़ान दे रहा है। राज्य सरकार के आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग ने उत्तर प्रदेश को भारत का अग्रणी आईटी हब बनाने के लिए ठोस कदम उठाए हैं। माइक्रोसॉफ्ट इंडिया, पेटीएम, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और मैक इंडिया जैसी बड़ी कंपनियों का राज्य में निवेश इस दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत है। अब तक 5,584 करोड़ रुपये का निवेश और लगभग 53,000 रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं।

आईटी निर्यात में चार गुना बढ़ोतरी

वर्ष 2015 में जहां उत्तर प्रदेश का आईटी निर्यात लगभग ₹15,000 करोड़ था, वहीं आज यह आंकड़ा ₹75,000 करोड़ को पार कर गया है। यह न केवल आर्थिक उपलब्धि है, बल्कि राज्य के युवाओं की तकनीकी क्षमता और सरकार की नीति-संवेदनशीलता का भी प्रमाण है। योगी सरकार की आईटी नीति 2017-2022 के बाद राज्य में निवेशकों का भरोसा बढ़ा है. नई आईटी एवं आईटी जनित सेवा नीति-2022 के तहत दो नई परियोजनाओं को “लेटर ऑफ कम्फर्ट” जारी किया गया है, जिससे 900 युवाओं को रोजगार मिलेगा। ₹48 करोड़ से अधिक के निवेश वाली तीन नई परियोजनाओं को मंजूरी का इंतजार है।

आईटी सेक्टर को दिया गया उद्योग का दर्जा, बदला निवेश का माहौल

आईटी और आईटीईएस क्षेत्र को “उद्योग का दर्जा” देने के निर्णय ने निवेश परिदृश्य को पूरी तरह से बदल दिया है। अब आईटी कंपनियों को औद्योगिक दरों पर जमीन उपलब्ध करायी जा रही है। इससे नए निवेश को बढ़ावा मिला है और राज्य में तकनीकी बुनियादी ढांचे के विकास को गति मिली है। सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) के सहयोग से नोएडा, मेरठ, लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज और आगरा में आईटी पार्क और एसटीपीआई केंद्र पहले से ही चालू हैं। अब वाराणसी, बरेली और गोरखपुर में भी नए आईटी हब विकसित किए जा रहे हैं, ताकि छोटे शहर भी डिजिटल अर्थव्यवस्था से जुड़ सकें।

‘युवा यूपी’ की नई पहचान

प्रदेश के युवाओं को अब अपने ही शहर में बड़े आईटी ब्रांड्स के साथ काम करने का मौका मिल रहा है। कानपुर की दीप्ति और गोरखपुर के आर्यन जैसे युवाओं के अनुभव इस बदलाव के उदाहरण हैं। आईटी क्षेत्र में बढ़ते रोजगार ने न केवल युवाओं की आकांक्षाओं को पंख दिए हैं बल्कि राज्य की आर्थिक प्रगति को भी नई दिशा दी है। सरकार द्वारा लॉन्च किए गए ऑनलाइन पोर्टल ने आईटी और आईटीईएस परियोजनाओं के आवेदन और अनुमोदन प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल और पारदर्शी बना दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहते हैं – “सूचना प्रौद्योगिकी सिर्फ तकनीक नहीं है, यह परिवर्तन की शक्ति है। यही शक्ति उत्तर प्रदेश को भारत के डिजिटल भविष्य का नेतृत्व दे रही है।”

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