Narak Chaturdashi 2025 Date Snan Muhurat: नरक चतुर्दशी दिवाली से एक दिन पहले मनाई जाती है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार नरक चतुर्दशी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आती है। नरक चतुर्दशी के दिन अभ्यंग स्नान करने की परंपरा है। इसके लिए सुबह का समय ध्यान में रखा जाता है. नरक चतुर्दशी को रूप चौदस, छोटी दिवाली भी कहा जाता है।
प्रकाशित तिथि: शनिवार, 18 अक्टूबर 2025 09:16:19 अपराह्न (IST)
अद्यतन दिनांक: शनिवार, 18 अक्टूबर 2025 09:16:18 अपराह्न (IST)
पर प्रकाश डाला गया
- सुंदरता के लिए भगवान श्रीकृष्ण की पूजा और अभ्यंग स्नान
- नरक चतुर्दशी को रूप चौदस, छोटी दिवाली भी कहा जाता है।
- नरक चतुर्दशी के दिन प्रातःकाल शुभ मुहूर्त में अभ्यंग स्नान करने की विधि
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। पंच पर्व में धनतेरस के बाद दूसरा त्योहार रूप चतुर्दशी होगा। इसे नरक चतुर्दशी और काली चौदस भी कहा जाता है। इस साल इस पर्व पर अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति के लिए दीपदान, कालरात्रि की पूजा और सौंदर्य के लिए अभ्यंग स्नान अलग-अलग दिन किया जाएगा।
शुभ समय क्या है?
ज्योतिषियों के अनुसार इस पर्व पर यमराज के साथ-साथ भगवान श्रीकृष्ण और मां काली की भी पूजा की जाती है। काली मंदिर के पुजारी आचार्य शिवप्रसाद तिवारी बताते हैं कि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 19 अक्टूबर को दोपहर 1.51 बजे से प्रारंभ होकर 20 अक्टूबर को दोपहर 3.44 बजे तक रहेगी.
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अभ्यंग स्नान का महत्व
उदयातिथि के कारण अभ्यंग्य स्नान का शुभ समय 20 अक्टूबर को सुबह 5.13 बजे से 6.25 बजे तक एक घंटा 12 मिनट तक रहेगा। नरक चतुर्दशी का दीपदान रात्रि में प्रदोषकाल में किया जाएगा और काली पूजा 19 अक्टूबर को की जाएगी। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध किया था और 16 हजार गोपियों को उसकी कैद से मुक्त कराया था।