लखनऊ, अमृत विचार: उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बुधवार को लगातार अनुपस्थित रहने वाले तीन डॉक्टरों को बर्खास्त करने का आदेश चिकित्सा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) अमित कुमार घोष को दिया. साथ ही लापरवाही बरतने वालों पर विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. बर्खास्त किए गए डॉक्टरों में आगरा के शमसाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में तैनात डॉ. वंदना जैन, श्रावस्ती संयुक्त जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. विपुल अग्रवाल, बाराबंकी के जटा बरौली सीएचसी के डॉ. देवव्रत लगातार अनुपस्थित चल रहे थे।
इसी क्रम में 18 अगस्त को वाराणसी के कबीर चौरा जिला महिला अस्पताल में शाम की ड्यूटी पर तैनात स्टाफ नर्स प्रीतम सिंह ने गर्भवती रिजवाना की बिना मेडिकल जांच के रेफरल स्लिप बना दी. गर्भवती महिला के लिए एंबुलेंस व स्ट्रेचर की व्यवस्था नहीं की गयी. जिसके कारण विपरीत परिस्थितियों में गर्भवती महिला ने अस्पताल परिसर में ही बच्चे को जन्म दिया. इसलिए गर्भवती महिला की जान खतरे में थी। उपमुख्यमंत्री ने घटना को गंभीरता से लेते हुए स्टाफ नर्स प्रीतम सिंह को आरोप पत्र देकर निलंबित करने का आदेश दिया है.
इसके अलावा अपने कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही बरतने के आरोप में महिला चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुमिता गुप्ता के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई के आदेश दिये गये हैं. इसके अलावा प्रमुख अधीक्षक को डॉक्टरों और कर्मचारियों पर प्रभावी नियंत्रण न रखने, ड्यूटी चार्ट, राउंड की व्यवस्था न करने, मरीजों के बेड हेड टिकट पर वाइटल्स की नियमित रिकॉर्डिंग न करने और खुद अस्पताल का नियमित राउंड न करने के लिए भी दोषी पाया गया है। ऐसे में अस्पताल की प्रमुख अधीक्षक डॉ. नीना वर्मा के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं.
चार डॉक्टरों पर विभागीय गाज गिरी
मिर्ज़ापुर विंध्याचल मंडल के अपर आयुक्त (प्रशासन) डॉ. विश्राम सिंह की पत्नी रमा यादव के इलाज में लापरवाही का आरोप लगा था. आरोप है कि ईसीजी टेस्ट समय पर नहीं किया गया. मामले की जांच की गई, जिसमें चार चिकित्सा अधिकारियों डॉ. विनय कुमार, डॉ. सुनील सिंह, डॉ. तरूण सिंह, जो वर्तमान में मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सोनभद्र के अधीन तैनात हैं और डॉ. पंकज पांडे, जो वर्तमान में ऑटोनॉमस मेडिकल कॉलेज, मीरजापुर के पल्मोनरी विभाग में सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं, को आरोप पत्र दिया गया है और उन पर विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।
उस समय तैनात संबंधित स्टाफ नर्स सुषमा पांडे, जो अब सेवानिवृत्त हो चुकी हैं, के खिलाफ भी कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा अयोध्या स्थित कुमारगंज के 100 शय्या संयुक्त चिकित्सालय में मरीजों को बाहर की दवाएं लिखने और प्राइवेट प्रैक्टिस करने का मामला सामने आया है. उपमुख्यमंत्री ने अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. शीला वर्मा और चिकित्सक डॉ. अरविंद मौर्य को आरोप पत्र दिया है और अपर मुख्य सचिव को अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिये हैं.
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