ब्रह्मोस मिसाइल: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ शनिवार को देश की रक्षा निर्माण यात्रा में एक नया अध्याय लिखने जा रही है। अत्याधुनिक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ‘ब्रह्मोस’ की पहली खेप शनिवार को सरोजिनी नगर स्थित ब्रह्मोस एयरोस्पेस यूनिट से रवाना होगी। इस ऐतिहासिक मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाएंगे. यह सिर्फ एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं होगा, बल्कि उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे (यूपीडीआईसी) के लिए एक मील का पत्थर होगा – जो भारत को रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक कदम और करीब ले जाएगा।
आत्मनिर्भर भारत को ताकत ब्रह्मोस यूनिट से मिलेगी.
दुनिया की सबसे तेज़ और सबसे सटीक सुपरसोनिक मिसाइल प्रणाली ‘ब्रह्मोस’ अब पूरी तरह से भारत में निर्मित है और भारतीय सशस्त्र बलों के लिए तैयार है। लखनऊ में स्थित नई एकीकरण और परीक्षण सुविधा, जिसका उद्घाटन 11 मई 2025 को किया गया था, ने इस पहले बैच का उत्पादन किया है। इस अत्याधुनिक इकाई में मिसाइल असेंबली, एकीकरण, परीक्षण और गुणवत्ता परीक्षण के लिए नवीनतम तकनीकें हैं। सफल परीक्षणों के बाद तैयार इस मिसाइल बैच को अब सशस्त्र बलों में तैनाती के लिए भेजा जा रहा है।
कार्यक्रम में अत्याधुनिक तकनीक का प्रदर्शन देखने को मिलेगा
शनिवार को होने वाले समारोह में रक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री बूस्टर भवन का उद्घाटन करेंगे और बूस्टर डॉकिंग प्रक्रिया का प्रदर्शन भी देखेंगे. इस क्रम में एयरफ्रेम और एवियोनिक्स का प्री-डिस्पैच निरीक्षण (पीडीआई), वॉरहेड निर्माण, ब्रह्मोस सिम्युलेटर उपकरण की प्रस्तुति, मोबाइल ऑटोनॉमस लॉन्चर का प्रदर्शन, वृक्षारोपण कार्यक्रम और जीएसटी बिल प्रस्तुति भी होगी। इस दौरान ब्रह्मोस एयरोस्पेस के डीजी डॉ. जयतीर्थ आर. जोशी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चेक और जीएसटी बिल सौंपेंगे, जिससे राज्य सरकार को राजस्व लाभ मिलेगा. उत्पादन प्रक्रिया के साथ-साथ जीएसटी से राज्य को निरंतर आय और उच्च कुशल युवाओं के लिए रोजगार के अवसर मिलेंगे।
उत्तर प्रदेश ‘मेक इन इंडिया’ और ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ का मजबूत केंद्र बनेगा
लखनऊ की इस यूनिट को उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में गिना जा रहा है. यहां मिसाइलों के निर्माण से लेकर अंतिम परीक्षण तक की पूरी प्रक्रिया स्वदेशी तरीके से की जाती है। पहली खेप के प्रस्थान के साथ ही राज्य ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ अभियान का एक मजबूत भागीदार बन गया है। यह इकाई न केवल सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह राज्य में रोजगार, निवेश और तकनीकी नवाचार के नये द्वार भी खोल रही है।
ब्रह्मोस इकाई से वैश्विक बाजार तक: यूपी की नई पहचान
ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने हाल के वर्षों में अपनी उत्पादन क्षमता में काफी विस्तार किया है। लखनऊ में यह सुविधा अब भारतीय सशस्त्र बलों की मांगों के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय निर्यात बाजार की आवश्यकताओं को भी पूरा करने में सक्षम होगी। रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, यह इकाई उत्तर प्रदेश को भारत का अगला एयरोस्पेस और रक्षा विनिर्माण केंद्र बनाने में निर्णायक भूमिका निभाएगी। ब्रह्मोस के इस नए अध्याय से भारत की सामरिक शक्ति, उत्तर प्रदेश की औद्योगिक क्षमता और मेक इन इंडिया की वैश्विक साख – ये तीनों नई ऊंचाइयों पर पहुंचने वाले हैं।