दिवाली 2025: दिवाली पर महालक्ष्मी पूजा से पांच दिन पहले 14 और 15 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र का महामुहूर्त 24 घंटे 6 मिनट तक रहेगा. इस वर्ष नक्षत्रों का राजा पुष्य मंगल और बुध के साथ रहेगा। मंगल पुष्य से जहां धन की वर्षा होती है वहीं बुध पुष्य से शुभ फल मिलने की संभावना रहती है। इस संयोग से सिद्ध्य और साध्य योग भी रहेगा।
प्रकाशित तिथि: सोम, 13 अक्टूबर 2025 08:01:02 अपराह्न (IST)
अद्यतन दिनांक: सोम, 13 अक्टूबर 2025 08:01:02 अपराह्न (IST)
पर प्रकाश डाला गया
- सभी प्रकार की चल-अचल संपत्ति शुभ रहेगी।
- इस बार मंगल और बुध के साथ पुष्य का संयोग रहेगा।
- सराफा के साथ नए और पुराने बाजार खरीदारों से गुलजार रहेंगे।
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। दिवाली पर महालक्ष्मी पूजा से पांच दिन पहले 14 और 15 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र का महामुहूर्त 24 घंटे 6 मिनट तक रहेगा। इस वर्ष नक्षत्रों का राजा पुष्य मंगल और बुध के साथ रहेगा। मंगल पुष्य से जहां धन की वर्षा होती है वहीं बुध पुष्य से शुभ फल मिलने की संभावना रहती है। इसमें सोना, चांदी, भूमि, भवन, मकान, दुकान के साथ ही सभी अचल संपत्ति की खरीदारी स्थाई शुभ फल प्रदान करेगी।
शुभ समय क्या है?
इस संयोग के साथ सिध्य और साध्य योग भी रहेगा जो इस दिन के महत्व को और बढ़ा देगा। इस मौके पर सराफा, ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स समेत बाजार भी खरीदारों से गुलजार रहेंगे। ज्योतिषियों के अनुसार नक्षत्रों का राजा पुष्य मंगलवार को उदयातिथि में होने से दोनों दिन उदयातिथि रहेगी। ज्योतिषाचार्य विनायक तिवारी के अनुसार मंगलवार, 14 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र सुबह 11.54 बजे से बुधवार दोपहर 12 बजे तक रहेगा। पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रों का राजा बताया गया है।
इस नक्षत्र में सोना और चांदी खरीदना सबसे शुभ माना जाता है जो सुख और समृद्धि की देवी महालक्ष्मी के आगमन का प्रतीक है। इसके अलावा जमीन, मकान और वाहन की खरीदारी भी लाभकारी मानी जाती है। इसके साथ ही इलेक्ट्रॉनिक सामान और वाहनों के साथ-साथ घरेलू उपयोगी वस्तुओं की खरीदारी भी समृद्धि लाने वाली बताई गई।
देवी लक्ष्मी के जन्म का नक्षत्र इसलिए विशेष है
ज्योतिषी पं. विजय त्रिवेदी का कहना है कि पुष्य नक्षत्र को मां लक्ष्मी का जन्म नक्षत्र कहा जाता है। इस वजह से यह दिन धन और ऐश्वर्य की देवी लक्ष्मी को अपने घर में आमंत्रित करने का सबसे अच्छा मौका माना जाता है। इस दिन घर लाया गया सोना या अन्य धातु या चल-अचल संपत्ति लक्ष्मी के आगमन का प्रतीक है। इससे घर में स्थायी सुख-समृद्धि आती है।
ये भी पढ़ें- दिवाली 2025: धनतेरस से पहले बाजार में ‘चांदी ही चांदी’, दाम बढ़े लेकिन मांग नहीं घटी, प्राचीन मूर्तियां बनीं सबकी पसंद
इस नक्षत्र में क्या खरीदें?
- पुष्य नक्षत्र में सोना, चांदी, वाहन, संपत्ति और अन्य कीमती सामान खरीदना शुभ माना जाता है।
- पुष्य नक्षत्र में खरीदारी करने से धन की देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। धन में लगातार वृद्धि होने के योग बन रहे हैं।
- भूमि, भवन, प्लॉट आदि में निवेश के लिए यह सर्वोत्तम समय है।
- इसमें नया व्यवसाय शुरू करने, उसके लिए बही-खाता, लैपटॉप और अन्य सामग्री खरीदनी चाहिए।
- इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा भी लाभकारी मानी जाती है।