26.2 C
Aligarh
Saturday, October 18, 2025
26.2 C
Aligarh

पुष्य नक्षत्र नक्षत्रों का राजा है, 27 नक्षत्रों में 8वां स्थान है, स्वामी शनि है।


पुष्य नक्षत्र में सोना, चांदी, वाहन, जमीन, घर और इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसी चीजें खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। मंगलवार को पड़ने के कारण इसे मंगल पुष्य कहा जाएगा और बुधवार को पड़ने के कारण इसे बुध पुष्य कहा जाएगा। इस दिन मंत्र जाप, पूजा-पाठ और दान जैसे शुभ कार्य भी किए जा सकते हैं।

प्रकाशित तिथि: सोम, 13 अक्टूबर 2025 09:52:07 अपराह्न (IST)

अद्यतन दिनांक: सोम, 13 अक्टूबर 2025 10:00:48 अपराह्न (IST)

पुष्य नक्षत्र पोषण और समृद्धि का प्रतीक है।

पर प्रकाश डाला गया

  1. पुष्य नक्षत्र धन, वैभव और प्रसिद्धि का प्रतीक माना जाता है।
  2. इस नक्षत्र में घर, वाहन, संपत्ति की खरीदारी शुभ होती है।
  3. साथ ही कोई भी बड़ा निवेश करना बहुत अच्छा माना जाता है।

धर्म डेस्क. पुष्य नक्षत्र को वैदिक ज्योतिष के 27 नक्षत्रों में आठवां नक्षत्र माना जाता है। इनमें से पुष्य नक्षत्र को राजा माना जाता है। इसका स्वामी शनि है और इसका प्रतीक गाय का थन है, जो पोषण और समृद्धि का प्रतीक है। इसे धन, वैभव और प्रसिद्धि का प्रतीक माना जाता है। कहा जाता है कि इस नक्षत्र में घर, वाहन, संपत्ति खरीदना या कोई बड़ा निवेश करना बहुत शुभ होता है। अगर आप दिवाली से पहले सोना, चांदी, गाड़ी या कोई इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो 14 अक्टूबर, मंगलवार को पुष्य नक्षत्र के शुभ मुहूर्त में इसे खरीद सकते हैं।

naidunia_image

पुष्य नक्षत्र 2025: पुष्य नक्षत्र में गुलजार रहेंगे बाजार, धनतेरस से पहले होगी पैसों की बारिश, इन चीजों की होगी जमकर खरीदारी

  • ज्योतिष शास्त्र में इस नक्षत्र को सभी नक्षत्रों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है। पुष्य का अर्थ है पोषण करने वाला, ऊर्जा और शक्ति प्रदान करने वाला। विद्वान इसे अत्यंत शुभ एवं लाभकारी मानते हैं।
  • उनके मत में गाय का दूध अमृत है। पुष्य नक्षत्र गाय के थन के ताजे दूध के समान पौष्टिक, लाभकारी तथा तन-मन को प्रसन्नता देने वाला है।
  • ऋग्वेद में पुष्य को तिष्य यानि शुभ या शुभ तारा भी कहा गया है। इस नक्षत्र का स्वामी ग्रह शनि है।
  • इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग हमेशा दूसरों की भलाई के लिए तैयार रहते हैं, इन्हें दूसरों की सेवा और मदद करना पसंद होता है।
  • इस नक्षत्र के जातक मेहनत और लगन से कभी पीछे नहीं हटते और पूरी लगन से अपने काम में लगे रहते हैं।

naidunia_image

दिवाली पुष्य नक्षत्र: दिवाली से दो दिन पहले पुष्य रहेगा खरीदारी का उत्तम समय।

पुष्य नक्षत्र का धार्मिक महत्व

हिंदू धर्म में पुष्य नक्षत्र का विशेष धार्मिक महत्व है। इसे देवगुरु बृहस्पति का नक्षत्र भी माना जाता है। मां लक्ष्मी भी इसी नक्षत्र में आती हैं। इसलिए इसे समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है। मान्यता है कि पुष्य नक्षत्र में की गई पूजा-अर्चना विशेष फलदायी होती है।

खुश खरीदारी

ज्योतिषाचार्य दीपक गोस्वामी ने बताया कि पुष्य नक्षत्र में सोना, चांदी, वाहन, जमीन, घर और इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसी चीजें खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। मंगलवार को पड़ने के कारण इसे मंगल पुष्य कहा जाएगा और बुधवार को पड़ने के कारण इसे बुध पुष्य कहा जाएगा। इस दिन मंत्र जाप, पूजा-पाठ और दान जैसे शुभ कार्य भी किए जा सकते हैं।

  • मंगलवार, 14 अक्टूबर पुष्य नक्षत्र
  • शुक्रवार, 17 अक्टूबर सिद्धि राजयोग
  • शनिवार, 18 अक्टूबर धन त्रयोदशी (धनतेरस)
  • रविवार, 19 अक्टूबर – अमृत सिद्धि योग
  • सोमवार, 20 अक्टूबर- सर्वाथ सिद्धि योग करें

इस दिन क्या नहीं खरीदना चाहिए

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चाकू, कैंची आदि धारदार वस्तुएं खरीदने से बचना चाहिए।

FOLLOW US

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
spot_img

Related Stories

आपका शहर
Youtube
Home
News Reel
Download App