पाकिस्तान अफगानिस्तान दोहा शांति वार्ता: कई दिनों से सीमा पर गोलीबारी हो रही है, हवाई हमले हो रहे हैं और दोनों पक्षों में तनाव इतना बढ़ गया है कि लोगों को फिर से युद्ध का डर सताने लगा है. लेकिन इस बीच शनिवार को दोहा में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बातचीत होने जा रही है.
एक तरफ पाकिस्तान कह रहा है कि ”हम तनाव नहीं बढ़ाना चाहते”, वहीं दूसरी तरफ अफगान तालिबान साफ चेतावनी दे रहा है कि ”हमें अपनी धरती पर हमले का जवाब देने का अधिकार है.” यानी माहौल गर्म है, लेकिन कोशिश ठंडे दिमाग से बात करने की है.
सीमा पर लड़ाई और हवाई हमलों से हालात बिगड़ गए
पिछले हफ्ते अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा पर कई जगहों पर झड़पें हुईं. दर्जनों लोग मारे गए, सैकड़ों घायल हुए. पाकिस्तान का कहना है कि यह हमला अफगानी धरती से आए आतंकियों ने किया है, जबकि तालिबान का आरोप है कि पाकिस्तान ने अफगानी नागरिक इलाकों पर बम गिराए. अब इस तनाव के बीच दोनों देश दोहा (कतर) में बातचीत की मेज पर बैठने जा रहे हैं। पाकिस्तान की ओर से रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ बैठक का नेतृत्व करेंगे, जबकि अफगानिस्तान की ओर से मौलवी मोहम्मद याकूब मुजाहिद के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल आया है.
पाकिस्तान अफगानिस्तान दोहा शांति वार्ता: ‘हम शांति चाहते हैं, तनाव नहीं’
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि बातचीत का मकसद सीमा पार आतंकवाद को रोकना और शांति बहाल करना है. मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि हमारे रक्षा मंत्री के नेतृत्व में पाकिस्तान का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल आज दोहा में अफगान तालिबान प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करेगा। वार्ता में पाकिस्तान के खिलाफ अफगानिस्तान से सीमा पार आतंकवाद को रोकने और पाकिस्तान-अफगान सीमा पर स्थिरता लाने के उपायों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
पाकिस्तान का कहना है कि वह तनाव नहीं बढ़ाना चाहता, बल्कि चाहता है कि अफगान तालिबान टीटीपी और बीएलए जैसे संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करे, जो पाकिस्तान के लिए खतरा बने हुए हैं. पाकिस्तान ने भी कतर की मध्यस्थता की सराहना की और कहा कि इस बातचीत से क्षेत्र में शांति और स्थिरता मजबूत होगी.
तालिबान का पलटवार- ‘हम अपनी जमीन की रक्षा करेंगे’
लेकिन तालिबान की प्रतिक्रिया उतनी नरम नहीं है. अफगान प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से पक्तिका इलाके में एक और हवाई हमला किया गया, जिसमें कई नागरिक मारे गए. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि कल रात पाकिस्तानी सैन्य बलों ने एक बार फिर अफगान नागरिक इलाकों पर हवाई हमले किए, जिसमें कई लोग शहीद और घायल हो गए। इस्लामिक अमीरात इसकी कड़ी निंदा करता है.
तालिबान ने कहा कि इस तरह के हमले अफगानिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन और तनाव बढ़ाने की जानबूझकर की गई कोशिश है. मुजाहिद ने आगे लिखा कि इस्लामिक अमीरात के पास जवाब देने का अधिकार सुरक्षित है, लेकिन बातचीत का सम्मान करते हुए हमने सेना को नए ऑपरेशन शुरू नहीं करने का निर्देश दिया है। अफगानिस्तान शांति चाहता है, लेकिन मौजूदा हालात पाकिस्तान की आक्रामकता का नतीजा है.
क़तर की भूमिका
दोहा वही जगह है जहां कभी अमेरिका और तालिबान के बीच ऐतिहासिक समझौता हुआ था. अब वही कतर दोनों देशों के बीच मध्यस्थता कर रहा है. पाकिस्तान और अफगानिस्तान दोनों ने कतर के प्रयासों की सराहना की है। उम्मीद है कि इस बातचीत से सीमा पर जारी तनाव कम होगा.
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