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धनतेरस 2025: शनिवार को है धनतेरस, लोहा खरीदने का है मन तो जानें शनिदेव होंगे प्रसन्न या नाराज


धनतेरस शनिवार, 18 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा। इस बार धनतेरस पर लोहा खरीदना शुभ माना जाता है क्योंकि लोहे का संबंध शनि देव से है। सुबह या दोपहर के समय खरीदारी करना शुभ रहेगा. शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए दीपक जलाना, मंत्र जाप और हनुमान चालीसा का पाठ करना शुभ रहेगा।

प्रकाशित तिथि: बुध, 15 अक्टूबर 2025 11:49:13 पूर्वाह्न (IST)

अद्यतन दिनांक: बुध, 15 अक्टूबर 2025 12:19:36 अपराह्न (IST)

लोहे को शनिदेव की धातु माना जाता है। (फाइल फोटो)

पर प्रकाश डाला गया

  1. धनतेरस 18 अक्टूबर, शनिवार को मनाया जाएगा।
  2. शनिदेव की कृपा पाने के लिए लोहा खरीदना शुभ होता है।
  3. खरीदारी के लिए सुबह-दोपहर का समय सबसे अच्छा है।

धर्म डेस्क. धनतेरस का त्योहार हर साल कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह 18 अक्टूबर 2025 को पड़ रहा है। यह त्योहार सिर्फ सोना-चांदी खरीदने या घर की साफ-सफाई तक सीमित नहीं है। यह अच्छे स्वास्थ्य, सुरक्षा और समृद्धि का भी प्रतीक है। इस दिन लोग भगवान धन्वंतरि और मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं।

इस बार धनतेरस शनिवार को पड़ रही है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या लोहा खरीदना शुभ रहेगा या नहीं? ज्योतिष शास्त्र के अनुसार लोहे को शनिदेव की धातु माना जाता है। अगर आप सकारात्मक सोच के साथ लोहा खरीदते हैं तो यह शुभ फल देता है। जिस घर में लोहे का सामान होता है उस घर की शनिदेव रक्षा करते हैं।

हालांकि इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि किसी को नुकसान पहुंचाना या हथियार के रूप में लोहा खरीदना अशुभ होता है। ऐसा करने से शनिदेव नाराज हो सकते हैं। जातक को उनके क्रोध का सामना करना पड़ सकता है।

धनतेरस पर कब खरीदें लोहा

  • धनतेरस के दिन सुबह से दोपहर के बीच लोहा खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। इससे पहले भगवान धन्वंतरि और देवी लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से खरीदे गए सामान में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
  • अगर कोई व्यक्ति नया सामान खरीदने में सक्षम नहीं है तो उसे घर में मौजूद लोहे के बर्तन या सामान को जरूर साफ करना चाहिए। ऐसा करने से भी बराबर लाभ मिलता है।

शनिदेव को प्रसन्न करने के उपाय

  • इस बार धनतेरस शनिवार के दिन पड़ने से शनिदेव की पूजा विशेष फलदायी मानी जा रही है। शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इसके बाद शनिदेव के मंदिर जाएं और काले तिल, उड़द की दाल या सरसों का तेल चढ़ाएं।
  • इसके साथ ही ‘ओम शं शनैश्चराय नम:’ मंत्र का 108 बार जाप करें। यह उपाय जीवन के दुखों और बाधाओं को दूर करता है।
  • शनि स्तोत्र का सात बार पाठ करें और पक्षियों, मछलियों या चींटियों को भोजन खिलाएं।
  • धनतेरस की शाम को हनुमान चालीसा का पाठ करना भी बहुत शुभ माना जाता है। इससे शनि दोष शांत होता है। जीवन में समृद्धि आती है.
  • अस्वीकरण: इस लेख में उल्लिखित उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। यहां इस आर्टिकल फीचर में जो लिखा गया है, नईदुनिया उसका समर्थन नहीं करता। इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/किंवदंतियों से एकत्रित की गई है। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य या दावा न मानें और अपने विवेक का प्रयोग करें। नईदुनिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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