तोरण वास्तु टिप्स: घर में तोरण या बंदनवार लगाने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और वास्तु दोष दूर होते हैं। जानिए कब और कैसे लगाएं शुभ तोरण.
प्रकाशित तिथि: गुरु, 16 अक्टूबर 2025 02:30:00 पूर्वाह्न (IST)
अद्यतन दिनांक: गुरु, 16 अक्टूबर 2025 02:30:15 पूर्वाह्न (IST)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय परंपराओं में घर के मुख्य द्वार पर तोरण या बंदनवार लगाने की परंपरा सदियों पुरानी है। यह न सिर्फ सजावट का हिस्सा है बल्कि वास्तु शास्त्र के अनुसार इसे घर की सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने का उपाय भी माना जाता है। त्योहारों या शुभ अवसरों पर लगाए गए तोरण से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
तोरण लगाने के वास्तु लाभ (तोरण वास्तु टिप्स)
- घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और नकारात्मक शक्तियों का प्रवेश बंद हो जाता है।
- वास्तु दोषों से मुक्ति मिलती है और वातावरण शुद्ध रहता है।
- परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और रिश्तों में मधुरता बढ़ती है।
- घर के सदस्यों को स्वास्थ्य और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
तोरण बनाने और स्थापित करने के शुभ उपाय
- तोरण बनाने में आम या अशोक के पत्तों का प्रयोग शुभ माना जाता है।
- इसमें गेंदे के फूल डालने से शुभता और सुंदरता बढ़ती है।
- वास्तु शास्त्र में 5, 7, 11 या 21 पत्तियों वाला तोरण विशेष शुभ माना जाता है।
- आम के पत्तों पर लाल या पीले चंदन से शुभ-लाभ लिखना सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है।
जब तोरणद्वार सूख जाए तो क्या करें?
कई लोग लंबे समय तक तोरण बनाकर रखते हैं, लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार जब पत्तियां सूख जाएं तो उन्हें तुरंत हटा देना चाहिए।
- सूखे तोरण को फेंकना नहीं चाहिए बल्कि किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए।
- यदि आसपास कोई नदी न हो तो इसे मिट्टी में दबा दें – इससे कोई दोष नहीं लगता और शुभता बनी रहती है।
- हर शुभ अवसर पर नया तोरण लगाने से घर की ऊर्जा तरोताजा हो जाती है।
तोरण न केवल घर की सजावट का प्रतीक है बल्कि यह हमारे जीवन में सकारात्मकता और सौभाग्य भी लाता है। अगर आप चाहते हैं कि आपके घर में हमेशा शांति, समृद्धि और खुशहाली बनी रहे तो हर त्योहार या शुभ अवसर पर एक नया तोरण लगाएं।