बता दें, बीजेपी की रणनीति में मोरपाल सुमन को टिकट देकर स्थानीय प्रभाव बनाने और जातीय समीकरण साधने की साफ कोशिश है. मोरपाल सुमन माली समुदाय से हैं, जिनकी अंता क्षेत्र में अच्छी आबादी और प्रभाव है। पार्टी ने उन्हें ‘लो प्रोफाइल’ और ‘जनसेवक’ की छवि के साथ मैदान में उतारा है, जैसा कि प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने पहले संकेत दिया था।