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Sunday, October 19, 2025
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India NAM मीटिंग: ‘आतंकवाद को पालने-पोसने वालों को भुगतना पड़ेगा अंजाम’, NAM मीटिंग में MoS कीर्ति वर्धन सिंह ने जताया गुस्सा.


भारत NAM बैठक: जब युगांडा की राजधानी कंपाला में 19वीं गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) की मध्यावधि मंत्रिस्तरीय बैठक चल रही थी, तो भारत की आवाज़ स्पष्ट और दृढ़ता से गूंज रही थी। विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने न केवल आतंकवाद की निरंतरता पर प्रकाश डाला, बल्कि इसे दुनिया के लिए एक “साझा खतरा” बताते हुए सभी सदस्य देशों से गहन अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का भी आह्वान किया। उनका संदेश सीधा था कि आतंकवाद अब किसी एक देश की समस्या नहीं, बल्कि मानवता के लिए एक साझा चुनौती है।

India NAM मीटिंग: आतंकवाद पर भारत का कड़ा रुख

भारत की ओर से दिए गए राष्ट्रीय बयान में मंत्री सिंह ने कहा है कि आतंकवाद एक साझा खतरा है, जिसका समाधान गहन अंतरराष्ट्रीय सहयोग से ही संभव है. उन्होंने कहा कि भारत दशकों से सीमा पार से होने वाले बर्बर आतंकवादी हमलों का शिकार रहा है. इस दौरान उन्होंने 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले का भी जिक्र किया, जिसमें निर्दोष पर्यटक मारे गए थे. भारत ने इसे आतंकवाद का एक और बर्बर उदाहरण बताया.

सिंह ने गुटनिरपेक्ष देशों से कहा, “यह आवश्यक है कि गुटनिरपेक्ष आंदोलन आतंकवाद के प्रति शून्य-सहिष्णुता प्रदर्शित करे। जो देश आतंकवाद को प्रायोजित, समर्थन या उचित ठहराते हैं, उन्हें परिणाम भुगतने होंगे।”

पाकिस्तान पर अप्रत्यक्ष हमला- ‘जब आतंकवाद को राष्ट्रीय नीति बना दिया जाए…’

भाषण में सीधे तौर पर पाकिस्तान का नाम तो नहीं लिया गया, लेकिन संकेत साफ थे. कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि जब कोई राष्ट्र आतंकवाद को अपनी राष्ट्रीय नीति बनाता है, जब बिना किसी सजा के आतंकवादी अड्डों को पनपने दिया जाता है, जब राज्य के अधिकारी आतंकवादियों का महिमामंडन करते हैं, तो ऐसे कार्यों की स्पष्ट रूप से निंदा की जानी चाहिए। यह बयान सीधे तौर पर उस पड़ोसी देश की ओर इशारा कर रहा था, जिस पर भारत लंबे समय से आतंकवादियों को पनाह देने और सीमा पार हमले करने का आरोप लगाता रहा है।

UN पर भी सवाल- ‘आतंकियों को संरक्षण देने का अफसोस’

विदेश राज्य मंत्री सिंह ने अपने भाषण में अप्रत्यक्ष रूप से संयुक्त राष्ट्र (यूएन) पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा हुई, तो एक सदस्य देश ने हमले की जिम्मेदारी लेने वाले संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ का बचाव किया और यहां तक ​​​​कि उनके बारे में किसी भी सार्वजनिक संदर्भ को हटाने के लिए कहा। सिंह ने इसे बेहद अफसोसजनक और चिंताजनक बताया और कहा कि दुर्भाग्य से दूसरा सदस्य देश भी उस देश की कार्रवाई का बचाव करता है.

भारत की जवाबी कार्रवाई- ‘सटीक हमलों से आतंकी ठिकाने तबाह’

पहलगाम हमले के बाद, भारत ने मई 2025 में उचित जवाबी कार्रवाई की। भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओजेके) में मौजूद आतंकवादी संरचनाओं पर सटीक हमले किए। इसके बाद भारत ने प्रभावी ढंग से पाकिस्तानी हमले के प्रयासों को विफल कर दिया और उसके कुछ हवाई अड्डों पर बमबारी की। इन कार्रवाइयों के बाद दोनों देशों के डीजीएमओ (सैन्य संचालन महानिदेशक) के बीच बातचीत हुई और यह निर्णय लिया गया कि सीमा पर शत्रुता समाप्त की जाएगी।

NAM के प्रति भारत की प्रतिबद्धता- ‘हम मूल्यों के प्रति समर्पित हैं’

अपने संबोधन के अंत में सिंह ने कहा कि भारत गुटनिरपेक्ष आंदोलन के सिद्धांतों और मूल्यों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इस आंदोलन को पुनर्जीवित करने के लिए अपने सहयोगी देशों के साथ सक्रिय रूप से काम करना जारी रखेगा। उन्होंने युगांडा सरकार और लोगों को उनके आतिथ्य के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि हम ऐसे भविष्य की आशा करते हैं जहां वैश्विक समृद्धि के लिए सहयोग गहरा हो सके।

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