भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के मोर्चे पर एक परिवर्तनकारी क्रांति देख रहा है। एआई कौशल सूचकांक अमेरिका और जर्मनी से भी आगे है। प्रौद्योगिकी-केंद्रित समाज में एआई-संचालित प्रौद्योगिकी के डिजाइन और विकास में वृद्धि सर्वव्यापी होती जा रही है। दरअसल दुनिया एआई के लिए कुछ भी कर सकती है लेकिन भारत के बिना एआई अधूरा है। केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने गुरुवार को कहा कि भारत का ‘एआई फॉर ऑल’ मंत्र ठोस कार्रवाई पर आधारित है और देश कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) कौशल प्रसार और प्रतिभा एकाग्रता में अग्रणी है।
हमारा मंत्र ‘एआई फॉर ऑल’ ठोस कार्रवाई द्वारा समर्थित है। क्योंकि AI स्किल पैठ के मामले में भारत दुनिया में नंबर एक है। इसलिए, उन्होंने उद्योग के खिलाड़ियों से वैश्विक कौशल राजधानी के रूप में भारत की स्थिति का लाभ उठाने के लिए अनुसंधान एवं विकास को प्राथमिकता देने का आग्रह किया। उल्लेखनीय है कि संवैधानिक नैतिकता की कल्पना भारत में एआई नैतिकता के सिद्धांतों की आधारशिला के रूप में की गई थी।
एआई को जिम्मेदार तरीके से तैनात करने के लिए हमारे संवैधानिक अधिकारों और लोकाचार को सर्वोपरि माना गया। वर्ष 2018 में नीति आयोग ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के लिए राष्ट्रीय रणनीति जारी की। तकनीकी क्रांति का दूसरा पक्ष एआई के सामाजिक-राजनीतिक और आर्थिक प्रभावों पर बढ़ती आशंकाएं हैं, विशेष रूप से इन उभरती प्रौद्योगिकियों के सह-अस्तित्व और आधुनिक लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के बारे में चिंताएं।
भारत के पास प्रतिभा के असाधारण बड़े भंडार तक पहुंच है और यह हमारी सबसे बड़ी ताकत है। आख़िरकार AI मूल रूप से मानव बुद्धि द्वारा संचालित और निर्देशित है। अर्थात्, वास्तविक मानव बुद्धि के बिना, AI न तो फल-फूल सकता है और न ही निरंतर प्रगति कर सकता है। वह वास्तविक बुद्धिमत्ता भारत के युवाओं और प्रतिभाओं में प्रचुर मात्रा में है।
इस दिशा में देश की सभी पहलों का उद्देश्य पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार करना है। हाल ही में एक पॉडकास्ट में नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत न केवल एआई के मॉडल बना रहा है, बल्कि अपने विशेष उपयोग के मामलों के अनुसार एआई आधारित एप्लिकेशन भी विकसित कर रहा है।
इसलिए एआई सिस्टम को इस बात को ध्यान में रखते हुए बनाया जाना चाहिए कि समान परिस्थितियों में समान लोगों के साथ समान व्यवहार किया जाना चाहिए। एआई सिस्टम को अपने इच्छित कार्यों के संबंध में विश्वसनीयता सुनिश्चित करनी चाहिए और हितधारकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इसमें अंतर्निहित सुरक्षा उपाय होने चाहिए।