Khawaja Asif Two Front War Statement: पाकिस्तान के हालात इस वक्त बेहद तनावपूर्ण हैं. एक तरफ अफगानिस्तान के साथ सीमा पर लगातार झड़पें हो रही हैं, तो दूसरी तरफ भारत को लेकर भी शंका के सुर उठने लगे हैं. इस बीच, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का बयान सामने आया है, जिसने पूरे माहौल को और गर्मा दिया है. आसिफ ने कहा है कि उनका देश “दो मोर्चों पर युद्ध के लिए तैयार” है. यानी एक तरफ अफगान बॉर्डर पर बम-बारूद की आवाजें, तो दूसरी तरफ भारत को लेकर शक का साया. सवाल उठता है कि आखिर पाकिस्तान किस डर में है?
Khawaja Asif Two Front War Statement: भारत पर ‘गंदा खेल’ खेलने का आरोप
एक इंटरव्यू के दौरान, जिसका हिस्सा सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, ख्वाजा आसिफ ने कहा कि भारत तालिबान संघर्ष के बीच “गंदा खेल” खेल सकता है. उनके शब्द थे कि बिल्कुल, आप इससे इनकार नहीं कर सकते. इसकी प्रबल संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. हालांकि, यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ इस मुद्दे पर चर्चा हुई है, आसिफ ने कहा कि रणनीतियां तैयार हैं. मैं उन पर सार्वजनिक रूप से चर्चा नहीं कर सकता, लेकिन हम किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं. यानि साफ है कि इस्लामाबाद अपने पड़ोसियों की हर हरकत पर नजर रख रहा है. नीचे आप वीडियो देख सकते हैं.
Pakistan is prepared for 2 front war: Khawaja Asif
Anchor: According to war analysts, India might play dirty games along the border. Are you anticipating that?
Khawaja Asif: No, absolutely, you cannot rule that out. There are strong possibilities.
Anchor: For God’s sake, the… pic.twitter.com/K9ZMkeqADb
— OsintTV 📺 (@OsintTV) October 16, 2025
भारत का ‘ऑपरेशन सिंदूर’
भारत ने इस साल मई में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था. यह अभियान 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में था, जिसमें 26 नागरिकों की मौत हुई थी. हमलावरों की पहचान पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के प्रतिनिधि द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) के सदस्य के रूप में की गई थी. इस हमले को भारत में 2008 के मुंबई हमलों के बाद सबसे घातक आतंकी हमला माना गया. भारत ने जोर देकर कहा कि उसके जवाबी हमले “सटीक” थे यानी केवल आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया, न कि नागरिक या सैन्य क्षेत्रों को.
अफगानिस्तान सीमा पर मचा हाहाकार
अब आते हैं पाकिस्तान-अफगानिस्तान संघर्ष पर. दोनों देशों के बीच पहले भी झड़पें होती रही हैं, लेकिन इस बार का संघर्ष पिछले कई दशकों में सबसे गंभीर बताया जा रहा है. यह विवाद तब शुरू हुआ जब पाकिस्तान ने काबुल से यह मांग की कि वह उन आतंकवादियों पर लगाम लगाए जो पाकिस्तान में हमले कर रहे हैं. पाकिस्तान का दावा है कि ये आतंकी अफगानिस्तान की जमीन से काम करते हैं. लेकिन तालिबान ने इस आरोप को पूरी तरह नकार दिया और पलटवार करते हुए कहा कि पाकिस्तानी सेना अफगानिस्तान के बारे में गलत सूचना फैला रही है, सीमा पर तनाव भड़का रही है, और देश की संप्रभुता को कमजोर करने की कोशिश कर रही है. तालिबान ने यहां तक आरोप लगाया कि पाकिस्तान आईएसआईएस से जुड़े आतंकवादियों को पनाह दे रहा है, जिससे अफगानिस्तान की स्थिरता को नुकसान पहुंच रहा है.
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट और मौतों का आंकड़ा
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (यूएनएएमए) ने बताया है कि 10 अक्टूबर से जारी संघर्ष में कम से कम 18 नागरिक मारे गए हैं और 360 से ज्यादा घायल हुए हैं. वहीं पाकिस्तान का कहना है कि उसने इसी हफ्ते तीन अलग-अलग अभियानों में 34 आतंकवादियों को मार गिराया है. स्पष्ट है कि सीमा पर स्थिति विस्फोटक बनी हुई है और दोनों देश एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप में जुटे हैं.
शहबाज शरीफ का बयान- ‘बातचीत को तैयार हैं‘
तनाव के इस माहौल में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गुरुवार को बयान दिया कि पाकिस्तान अफगानिस्तान के साथ विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाना चाहता है. यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब पाकिस्तानी सेना अफगान सीमा पर सक्रिय अभियानों में जुटी है. यानि एक तरफ रक्षा मंत्री युद्ध की तैयारी की बात कर रहे हैं, वहीं प्रधानमंत्री कूटनीतिक रास्ते की पेशकश कर रहे हैं. यह पाकिस्तान की अंदरूनी असहमति का भी संकेत हो सकता है.
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