लखनऊ, अमृत विचार: प्रदेश में गन्ना पेराई सत्र 2025-26 की औपचारिक शुरुआत के बाद भी 101 चीनी मिलों में पेराई का काम शुरू नहीं हो सका है. किसानों का कहना है कि गन्ना मिलों में पेराई में देरी के कारण समय पर खेत साफ नहीं हो पाते और गेहूं की बुआई में देरी होती है. अब तक 21 मिलों में पेराई शुरू हो चुकी है, जिनमें से 20 निजी क्षेत्र की हैं, जबकि सहकारी मिलों में मरम्मत और तैयारी बजट और कुप्रबंधन के कारण कहीं अटकी हुई है.
विभागीय आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में 122 चीनी मिलें संचालित हो रही हैं, जिनमें से करीब 23 सहकारी और 99 निजी क्षेत्र की हैं. राज्य सरकार का लक्ष्य नवंबर के तीसरे सप्ताह तक सभी मिलों को पूरी क्षमता से चालू करना है। लेकिन कई सहकारी मिलों में मरम्मत, तकनीकी परीक्षण और वित्तीय मंजूरी की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है, जिसके कारण इनके शुरू होने में देरी हो रही है. विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अगले एक सप्ताह में सभी सरकारी मिलें भी पेराई शुरू कर देंगी।
सरकारी और सहकारी मिलों की सुस्ती से किसान परेशान हैं. इसके विपरीत निजी क्षेत्र की मिलें पहले ही गन्ना खरीद की औपचारिकताएं पूरी कर चुकी हैं। इससे किसानों को राहत मिलने की उम्मीद है.
समय पर भुगतान के लिए मिलों पर नजर रखी जाएगी
गन्ना आयुक्त मंत्री एस. के मुताबिक, प्रदेश की कुल 122 चीनी मिलों में से 53 मिलों ने गन्ना खरीद के लिए इंडेंट जारी कर दिया है, जबकि बाकी 69 मिलें अगले कुछ दिनों में शुरू हो जाएंगी. वर्तमान में सक्रिय 21 मिलों में सहारनपुर क्षेत्र में 5, मेरठ में 8, मुरादाबाद में 2 और लखनऊ क्षेत्र में 6 मिलें शामिल हैं। इनमें सहकारी क्षेत्र की एकमात्र मिल ने पेराई शुरू कर दी है।



