सेबी एफपीआई पंजीकरण: भारतीय शेयर बाजारों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की भूमिका हमेशा से बहुत महत्वपूर्ण रही है। घरेलू निवेशकों की तेजी से बढ़ती भागीदारी के बावजूद, एफपीआई भारतीय पूंजी बाजार का मुख्य स्तंभ बने हुए हैं। इस महत्व को समझते हुए सेबी अब एफपीआई पंजीकरण प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल और आसान बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने जा रही है।
संपूर्ण डिजिटल रजिस्ट्रेशन की तैयारी
सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने गोल्डमैन सैक्स की 14वीं इंडिया सीआईओ कॉन्फ्रेंस में बताया कि एफपीआई रजिस्ट्रेशन को पूरी तरह से डिजिटल बनाने पर तेजी से काम चल रहा है। अब तक इस प्रक्रिया में कई हफ्ते या महीने लग जाते थे, लेकिन प्रस्तावित बदलावों के बाद इसे कुछ ही दिनों में पूरा किया जा सकेगा. उनके मुताबिक, यह पहल विदेशी निवेशकों के अनुभव को बेहतर बनाने और भारतीय बाजारों में निवेश बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण सुधार होगी।
गोपनीयता और डेटा सुरक्षा पर विशेष जोर
एफपीआई पंजीकरण से संबंधित डेटा की गोपनीयता को लेकर वैश्विक स्तर पर लगातार चिंता बनी हुई है। इसे ध्यान में रखते हुए, सेबी यह सुनिश्चित कर रही है कि डिजिटल ढांचे में मजबूत सुरक्षा प्रोटोकॉल शामिल हों। तुहिन कांत पांडे ने कहा कि रजिस्ट्रेशन को आसान बनाने के साथ-साथ डेटा प्राइवेसी को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि निवेशकों का भरोसा बना रहे.
सीडीएसएल एक नया दूसरा प्लेटफॉर्म तैयार कर रहा है
सेबी एफपीआई पंजीकरण के लिए एक अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी काम कर रहा है। यह नया प्लेटफॉर्म सीडीएसएल द्वारा विकसित किया जा रहा है, जो पंजीकरण प्रक्रिया को अधिक सरल, तेज और पारदर्शी बना देगा। यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि विदेशी निवेशकों के लिए निवेश निर्णयों में सुविधा और गति बड़ी भूमिका निभाती है।
भारतीय बाज़ारों में विदेशी निवेशकों का महत्व
तुहिन कांत पांडे के मुताबिक भले ही घरेलू निवेशकों की संख्या तेजी से बढ़ी है, लेकिन भारत के पूंजी बाजारों में एफपीआई की भूमिका काफी अहम है। 1992 में जब से भारत ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए अपने बाजार खोले, तब से इसने 9.3% का एक्सआईआरआर रिटर्न हासिल किया है। सितंबर 2025 तक, FPI लगभग 876 बिलियन डॉलर की संपत्ति का प्रबंधन कर रहे थे और भारतीय सूचीबद्ध कंपनियों में उनकी हिस्सेदारी लगभग 17% है।
एफपीआई निवेश प्रक्रिया आसान होगी
सेबी कई नए सुधारों पर भी विचार कर रही है.
- स्वागत FI फ्रेमवर्क: विश्वसनीय वैश्विक निवेशकों के लिए एकल-खिड़की स्वचालित पहुंच प्रणाली विकसित की जा रही है। इसके तहत निवेशकों को अतिरिक्त मंजूरी के बिना फेमा के अन्य मार्गों में भी निवेश की अनुमति मिल सकती है।
- एक दिन में सभी ट्रेडों का शुद्ध निपटान: मौजूदा समय में एफपीआई को प्रत्येक ट्रेड के लिए डिलीवरी लेनी और देनी होती है। नए प्रस्ताव में सुझाव दिया गया है कि पूरे दिन के कारोबार का निपटारा नेट-आधारित निपटान के जरिए किया जाना चाहिए। इससे परिचालन लागत कम होगी और लेनदेन आसान हो जाएगा।
सेबी आरबीआई और वित्त मंत्रालय के साथ काम कर रही है
सेबी इन सभी प्रस्तावित सुधारों पर आरबीआई और वित्त मंत्रालय के साथ मिलकर काम कर रहा है। तुहिन कांत पांडे के अनुसार सेबी का उद्देश्य वैश्विक निवेशकों को भारत में निवेश का सर्वोत्तम अनुभव प्रदान करना है।
एंकर निवेशक संरचना में सुधार, आईपीओ में भागीदारी आसान
सेबी ने हाल ही में एंकर निवेशकों की संरचना में भी कई बदलाव किए हैं। एक ही प्रबंधक के तहत कई फंड चलाने वाले बड़े एफपीआई के लिए भागीदारी को आसान बना दिया गया है। जीवन बीमा और पेंशन फंड जैसे दीर्घकालिक निवेशकों को शामिल करने के लिए एंकर पूल का विस्तार किया गया है। इससे आईपीओ बाजार में स्थिरता और बड़े आकार के निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
इंडिया मार्केट एक्सेस पोर्टल और ब्लॉक विंडो का विस्तार
इंडिया मार्केट एक्सेस पोर्टल विदेशी निवेशकों को सभी नियमों और प्रक्रियाओं पर एकीकृत जानकारी प्रदान करता है। इसके साथ ही सेबी ने ब्लॉक विंडो फ्रेमवर्क की भी समीक्षा की है ताकि बाजार में तरलता बढ़ाई जा सके.
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समापन नीलामी सत्र शुरू करने की तैयारी
सेबी बेहतर मूल्य निर्धारण और दक्षता के लिए “समापन नीलामी” सत्र शुरू करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह वैश्विक बाजारों में प्रचलित है और इससे अंतिम कीमतों में पारदर्शिता और सटीकता बढ़ेगी।
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