कैपिलरी टेक्नोलॉजीज आईपीओ: भारत में टेक्नोलॉजी कंपनियों में एक और बड़ा नाम अब शेयर बाजार में उतरने जा रहा है। बेंगलुरु स्थित कैपिलरी टेक्नोलॉजीज इंडिया 14 नवंबर से अपना पहला सार्वजनिक निर्गम यानी आईपीओ लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। यह कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और क्लाउड-आधारित सॉफ्टवेयर समाधान के माध्यम से ब्रांडों को अपने ग्राहकों से जोड़ने का काम करती है। सरल भाषा में, कैपिलरी एक तकनीकी कंपनी है जो व्यवसायों को ग्राहक वफादारी बढ़ाने और बेहतर अनुभव प्रदान करने में मदद करती है।
आईपीओ कब खुलेगा और बंद होगा?
बेंगलुरु स्थित SaaS (सॉफ्टवेयर-ए-ए-सर्विस) कंपनी कैपिलरी टेक्नोलॉजीज इंडिया अपना पहला IPO लॉन्च करने जा रही है। कंपनी ने 7 नवंबर को कंपनी रजिस्ट्रार के पास अपना रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (आरएचपी) दाखिल किया है। आईपीओ की एंकर बुक 13 नवंबर को खुलेगी, जबकि यह आम निवेशकों के लिए 14 नवंबर से 18 नवंबर तक खुली रहेगी। शेयर आवंटन 19 नवंबर को अंतिम होगा और कंपनी के शेयर 21 नवंबर से बीएसई और एनएसई पर कारोबार के लिए उपलब्ध होंगे।
कंपनी कितनी फंडिंग जुटाएगी?
कंपनी इस आईपीओ के जरिए कुल 345 करोड़ रुपये जुटाने जा रही है। 345 करोड़ रुपये का फ्रेश इश्यू होगा, जबकि प्रमोटर कैपिलरी टेक्नोलॉजीज इंटरनेशनल और निवेशक ट्रुडी होल्डिंग्स करीब 92.28 लाख शेयर बेचने जा रहे हैं। इससे पहले, जून में कंपनी द्वारा दायर डीआरएचपी में 430 करोड़ रुपये का ताजा इश्यू और 1.83 करोड़ शेयरों की बिक्री का प्रस्ताव शामिल था, जिसे अब कम कर दिया गया है।
कहां खर्च होगा पैसा?
जुटाई गई राशि में से कंपनी क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर पर लगभग 143 करोड़ रुपये, अनुसंधान और उत्पाद विकास पर 71.6 करोड़ रुपये और कंप्यूटर सिस्टम खरीदने पर 10.3 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है। शेष राशि का उपयोग अकार्बनिक विकास और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाना है।
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कंपनी का कारोबार और प्रदर्शन कैसा है?
अनीश रेड्डी बोड्डू द्वारा स्थापित कैपिलरी टेक्नोलॉजीज कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) आधारित ग्राहक जुड़ाव और वफादारी समाधान बनाती है। भारत में इसका कोई सीधा मुकाबला नहीं है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसका मुकाबला सेल्सफोर्स, एडोब, हबस्पॉट जैसी कंपनियों से है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 के पहले छह महीनों में 1.03 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में उसे 6.8 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। कंपनी की आय भी 25% बढ़कर 359.2 करोड़ रुपये हो गई है।
आईपीओ का प्रबंधन कौन कर रहा है?
इस इश्यू का प्रबंधन जेएम फाइनेंशियल, आईआईएफएल कैपिटल सर्विसेज और नोमुरा फाइनेंशियल एडवाइजरी एंड सिक्योरिटीज (इंडिया) द्वारा किया जा रहा है। कैपिलरी टेक्नोलॉजीज के इस आईपीओ को भारतीय तकनीकी बाजार में एक और बड़ा कदम माना जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब SaaS सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है और AI-आधारित समाधानों की मांग लगातार बढ़ रही है।
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