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Saturday, October 25, 2025
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विज्ञापन दरें: प्रिंट मीडिया की विज्ञापन दरें 26% तक बढ़ा सकती है सरकार, 15 नवंबर को जारी होगी अधिसूचना


विज्ञापन दरें: सरकार पारंपरिक प्रिंट मीडिया की विज्ञापन दरें बढ़ाने की तैयारी कर रही है। वह न्यू मीडिया के कारण होने वाली बाधाओं से खुद को बचाने के तरीकों और साधनों पर काम कर रही है और एक महत्वपूर्ण सुधार पर काम चल रहा है। सूत्रों के हवाले से शनिवार को जानकारी मिली कि सरकार प्रिंट मीडिया की सरकारी विज्ञापन दरें 26 फीसदी तक बढ़ाने की तैयारी कर रही है. इस बढ़ोतरी की अधिसूचना 15 नवंबर के बाद जारी की जाएगी.

प्रिंट मीडिया की आय पर ऑनलाइन मीडिया का प्रभाव

देश में डिजिटल और ऑनलाइन मीडिया प्लेटफॉर्म तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके कारण पारंपरिक मीडिया और विज्ञापन का मुख्य राजस्व स्रोत कम होता जा रहा है। इससे कई प्रिंट मीडिया हाउस की कमाई प्रभावित हो रही है और कर्मचारियों की आजीविका पर दबाव बढ़ गया है। सरकार का लक्ष्य इस कमी को कम करना और पारंपरिक मीडिया को स्थिरता प्रदान करना है।

रेडियो क्षेत्र में विनियामक सुधार

सूत्रों ने कहा कि रेडियो क्षेत्र के लिए भी सरकार इसके विकास में बाधा बन रही मौजूदा नियामक बाधाओं को दूर करने पर विचार कर रही है। इससे व्यवसाय में रेडियो चैनलों को अधिक अवसर और विकास की संभावनाएं मिलेंगी।

टीवी चैनलों की रेटिंग में सुधार

टीवी चैनल इस समय रेटिंग सिस्टम में गड़बड़ी का सामना कर रहे हैं। एक सूत्र ने कहा कि सरकार समान अवसर और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए रेटिंग प्रणाली में सुधार की दिशा में काम कर रही है। इससे विज्ञापन राजस्व का अधिक उचित वितरण हो सकेगा और चैनलों के व्यवसाय में संतुलन आएगा।

डीटीएच क्षेत्र में सुधार योजना

सरकार डीटीएच (डायरेक्ट टू होम) सेक्टर में भी सुधार पर विचार कर रही है। सरकार का लक्ष्य पहुंच और पहुंच को अधिकतम करना और फ्री डिश सेवाओं के लिए लागत संरचना को और अधिक कुशल बनाना है। सूत्रों ने कहा कि रेटिंग सुधारों पर एक परामर्श पत्र पहले ही तैयार किया जा चुका है, जो कार्यान्वयन के अंतिम चरण में है।

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पारंपरिक मीडिया का स्थिर भविष्य

सरकार की इस पहल से न केवल प्रिंट मीडिया के विज्ञापन राजस्व को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि रेडियो, टीवी और डीटीएच क्षेत्रों में सुधार लाकर पारंपरिक मीडिया को डिजिटल प्रतिस्पर्धा में जीवंत और मजबूत बनाया जाएगा। इससे मीडिया हाउसों की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी और उनके कर्मचारियों की आजीविका सुरक्षित रहेगी। सरकार का यह कदम बताता है कि पारंपरिक मीडिया को डिजिटल युग में भी समान अवसर और निष्पक्षता मिलनी चाहिए, जिससे पूरे मीडिया पारिस्थितिकी तंत्र में स्थिरता और विकास सुनिश्चित हो सके।

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