वंदे भारत स्लीपर: देश की पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का इंतजार अब थोड़ा और बढ़ गया है। अक्टूबर 2025 में लॉन्च होने वाली यह ट्रेन अब तय समय पर नहीं चल सकेगी। रेलवे बोर्ड ने ट्रेन के इंटीरियर, डिजाइन और सुरक्षा से जुड़ी कमियों की ओर ध्यान दिलाया है, जिसमें सुधार की जरूरत है. जिसके चलते लॉन्चिंग को फिलहाल टाल दिया गया है.
लॉन्च की तैयारियां क्यों रुक गईं?
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पहले कहा था कि यह ट्रेन अक्टूबर 2025 में शुरू होगी। लेकिन अब रेलवे बोर्ड के निरीक्षण के दौरान साज-सज्जा और कारीगरी से जुड़ी कई समस्याएं सामने आई हैं। ट्रेन का दूसरा रेक फिलहाल अंतिम उत्पादन चरण में है और इसके इंटीरियर पर काम चल रहा है।
किन कमियों पर जताई चिंता?
रेलवे बोर्ड ने रिपोर्ट में कहा कि ट्रेन के बर्थ क्षेत्र में नुकीले कोने, पर्दे के हैंडल का गलत डिजाइन और बर्थ कनेक्टर के बीच “कबूतर पॉकेट” जैसी समस्याएं हैं, जो सफाई और यात्री सुरक्षा को प्रभावित कर सकती हैं। बोर्ड ने आदेश दिया है कि इन कमियों को तुरंत दूर किया जाए और आने वाले सभी रेक में सुधार लागू किया जाए.
क्या सुरक्षा सुविधाएँ अपडेट की जाएंगी?
रेल मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि ट्रेन में अग्नि सुरक्षा प्रणाली, कवच 4.0 (टकराव रोधी तकनीक) और बेहतर संचार प्रणाली में सुधार किया जा रहा है।
इसके अलावा लोको पायलटों को ऐसी ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि आपात स्थिति में वे महज 15 मिनट के अंदर ट्रेन के कोच को अलग कर सकें. रेलवे ने आदेश दिया है कि इसके लिए जरूरी उपकरण हर ड्राइवर और गार्ड की किट में शामिल होंगे.
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यात्रियों की सुविधा का क्या ख्याल रखा जा रहा है?
मंत्रालय ने सभी जोन को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि हर रूट पर प्रशिक्षित तकनीकी कर्मचारी मौजूद रहें ताकि किसी भी तकनीकी खराबी या आपात स्थिति में तुरंत मदद पहुंचाई जा सके. साथ ही ट्रेन परिचालन से पहले सभी प्रणालियों का गहन परीक्षण किया जाएगा ताकि यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का अनुभव दिया जा सके. साथ ही तीन भाषाओं (हिंदी, अंग्रेजी और क्षेत्रीय) में घोषणाएं की जाएंगी ताकि यात्री सुरक्षा नियमों की जानकारी आसानी से समझ सकें।
पहली वंदे भारत स्लीपर कब तक चलेगी?
फिलहाल वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की शुरुआत में थोड़ी देरी होगी, लेकिन यह देरी यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए की जा रही है। साथ ही ट्रेन का रूट भी अभी तय नहीं हुआ है और रेल मंत्रालय मुख्य रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीसीआरएस) से अंतिम मंजूरी का इंतजार कर रहा है. मंजूरी मिलते ही ट्रेन की लॉन्चिंग की तारीख की घोषणा कर दी जाएगी। इसका मतलब है कि फिलहाल इंतजार थोड़ा और बढ़ सकता है, लेकिन जब यह ट्रेन चलने लगेगी तो सफर और भी आरामदायक और सुरक्षित होने वाला है.
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