लखनऊ, अमृत विचार: योगी कैबिनेट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश दुकान एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम, 1962 में महत्वपूर्ण संशोधन को मंजूरी दे दी। इस संशोधन के बाद दुकानों और प्रतिष्ठानों में काम करने वाले लाखों कर्मचारियों को अधिक सुविधाएं मिलने का रास्ता साफ हो गया है, वहीं व्यापार जगत को भी काफी फायदा होगा।
श्रम मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने दुकान और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम 1962 में महत्वपूर्ण संशोधन को मंजूरी दे दी है और इसकी सीमा शहरी क्षेत्रों से पूरे राज्य तक बढ़ा दी है। अब राज्य के सभी जिलों और ग्रामीण इलाकों के प्रतिष्ठान भी इस कानून के दायरे में आएंगे. इससे अधिक से अधिक श्रमिक कानूनी सुरक्षा के दायरे में आएंगे और उनके अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। संशोधन के तहत अब यह कानून उन प्रतिष्ठानों पर लागू होगा जहां 20 या उससे अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। इससे छोटे प्रतिष्ठान बिना किसी अतिरिक्त बोझ के अपनी आर्थिक गतिविधियों को सुचारु रूप से चला सकेंगे, जबकि बड़े प्रतिष्ठानों में काम करने वाले कर्मचारियों को अधिनियम के तहत सभी लाभ मिलेंगे। सरकार का मानना है कि इससे राज्य में व्यापारिक गतिविधियों में और तेजी आएगी.
उन्होंने कहा कि सरकार ने संशोधन का दायरा बढ़ाते हुए क्लीनिक, पॉलीक्लिनिक, प्रसूति गृह, आर्किटेक्ट, कर सलाहकार, तकनीकी सलाहकार, सेवा प्रदाता, सेवा प्लेटफॉर्म और अन्य समान व्यावसायिक प्रतिष्ठानों जैसी चिकित्सा इकाइयों को भी कानून के तहत शामिल किया है। इससे इन प्रतिष्ठानों में काम करने वाले कर्मचारियों को सुरक्षित कामकाजी परिस्थितियों और लाभों का अधिकार भी मिलेगा।
इनसेट
कर्मचारी और मालिक दोनों को लाभ मिलेगा
-अब काम का समय, छुट्टियां, सुरक्षा और अन्य सुविधाएं मिलेंगी
-किसी विशेष क्षेत्र में काम करने वालों के लिए समान अधिकार
-ओवरटाइम की सीमा प्रति तिमाही 144 घंटे तक बढ़ाई गई
-यदि आवश्यक हो तो व्यवसायों के लिए अतिरिक्त कार्य करवाने की सुविधा
-कर्मचारियों को उचित ओवरटाइम भुगतान सुनिश्चित करें
प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में सहायक कदम
-व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा दिया जाएगा, निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाया जाएगा
-पूरे राज्य में एक समान व्यापार नियम लागू होने से व्यापार का दायरा बढ़ेगा.



