लखनऊ/नई दिल्ली,अमत विचार: भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईटीएफ)-2025 में उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने दीप प्रज्ज्वलित किया और प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उत्तर प्रदेश आईआईटीएफ-2025 में भागीदार राज्य के रूप में भाग ले रहा है। इस दौरान मंत्री ने उत्तर प्रदेश की औद्योगिक, सांस्कृतिक और तकनीकी उपलब्धियों की सराहना की.
राकेश सचान ने कहा कि ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की थीम पर आधारित उत्तर प्रदेश पवेलियन ने न केवल राज्य की बहुस्तरीय प्रगति को प्रदर्शित किया बल्कि निवेश, पर्यटन, नवाचार और एमएसएमई विकास में राज्य की बढ़ती क्षमता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की नीतियों, सुधारों और प्रयासों के कारण राज्य आज देश का सबसे आकर्षक निवेश स्थल बन गया है। उन्होंने उल्लेख किया कि 140 से अधिक स्टालों वाले उत्तर प्रदेश मंडप ने ओडीओपी, पारंपरिक हस्तशिल्प, वन-आधारित उत्पादों, आधुनिक तकनीक, नवाचारों, स्थानीय उद्योगों और जिलेवार विशिष्ट उत्पादों पर ध्यान केंद्रित करके राज्य की विविध आर्थिक शक्ति का प्रदर्शन किया।
राकेश सचान ने उत्तर प्रदेश पवेलियन में लगाये गये विभिन्न स्टालों का विस्तार से निरीक्षण किया तथा उद्यमियों एवं कारीगरों से सीधा संवाद किया तथा उनके उत्पादों की सराहना की। उन्होंने मुरादाबाद के प्रसिद्ध धातु शिल्प और पीतल के बर्तन स्टाल का दौरा किया, जहां आधुनिक डिजाइनों के साथ 500 साल की धातु शिल्प परंपरा का प्रदर्शन किया गया था। इसके अतिरिक्त, मूर्तियों, हस्तनिर्मित कलात्मक मूर्तियों और घरेलू सजावटी वस्तुओं सहित अलीगढ़ के पीतल उत्पादों ने मंत्री का विशेष ध्यान आकर्षित किया।
राकेश सचान ने कहा कि आईआईटीएफ-2025 में उत्तर प्रदेश पवेलियन ने स्पष्ट संदेश दिया है कि हमारा राज्य आज परंपरा, प्रौद्योगिकी, कौशल और नवाचार का सबसे शक्तिशाली संगम है। 140 से अधिक स्टालों पर प्रदर्शित ओडीओपी उत्पादों, हस्तशिल्प, एमएसएमई नवाचारों और औद्योगिक प्राधिकरणों की उपलब्धियों ने साबित कर दिया है कि उत्तर प्रदेश न केवल भारत का औद्योगिक इंजन बन रहा है बल्कि वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान भी स्थापित कर रहा है।
उत्तर प्रदेश दिवस समारोह में मंडप में प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों-लोक संगीत, लोक नृत्य और पारंपरिक कलाओं ने आगंतुकों को उत्तर प्रदेश की समृद्ध विरासत से परिचित कराया। इस अवसर पर निदेशक एवं आयुक्त उद्योग. विजयेन्द्र पाण्डियन एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।



