बिहार स्वर्ण भंडार: कभी देश के बीमारू राज्यों में गिना जाने वाला बिहार आज औद्योगिक विकास, रोजगार और आर्थिक उन्नति के लिए तरस रहा है। लेकिन, अगर बिहार चाहे तो भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने में अपना अमूल्य योगदान दे सकता है. इसका कारण यह है कि बिहार में देश का सबसे बड़ा सोने का भंडार है। इस राज्य के जमुई, गया और नवादा जिलों में सोने के अकूत भंडार हैं। इन तीन जिलों को मिलाकर बिहार में 222.88 मिलियन टन से ज्यादा का सोने का खजाना दबा हुआ है. इस खजाने से न केवल राज्य में रोजगार और निवेश बढ़ेगा, बल्कि राजस्व, रॉयल्टी और कर आय भी मजबूत होगी। खनन और धातु प्रसंस्करण उद्योगों के विकास से स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। यहां सोने के निर्यात से विदेशी मुद्रा आने की प्रबल संभावना है और भारत की वैश्विक आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। यही कारण है कि बिहार का सोने का खजाना भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने में निर्णायक योगदान दे सकता है।
KGF भारत की सबसे पुरानी सोने की खदान है।
कोलार गोल्ड फील्ड्स (KGF) भारत की सबसे पुरानी और प्रसिद्ध सोने की खदानों में से एक है, जो कर्नाटक के कोलार जिले में स्थित है। यह क्षेत्र 120 वर्षों से भी अधिक समय से सोने के उत्पादन का प्रमुख केंद्र रहा है। कोलार गोल्ड फील्ड की खुदाई 19वीं सदी के अंत में, 1880 के आसपास ब्रिटिश कंपनी जॉन टेलर एंड संस द्वारा शुरू की गई थी। यह क्षेत्र भारत में सबसे गहरा सोने का खनन क्षेत्र था, जिसमें कुछ खदानें 3,000 मीटर (लगभग 10,000 फीट) से नीचे तक पहुंची थीं। इसने दशकों से भारत के सोने के उत्पादन में एक बड़ा योगदान दिया है।
भारत के किन राज्यों में कितना है सोने का भंडार?
- बिहार: 222.88 मिलियन टन
- राजस्थान: 125.91 मिलियन टन
- कर्नाटक: 103.01 मिलियन टन
- झारखंड: 10.08 मिलियन टन
- मध्य प्रदेश: 7.69 मिलियन टन
- छत्तीसगढ़: 4.84 मिलियन टन
- उतार प्रदेश: 13.00 मिलियन टन
- पश्चिम बंगाल: 12.83 मिलियन टन
- आंध्र प्रदेश: 15.73 मिलियन टन
- महाराष्ट्र: 1.63 मिलियन टन
- केरल: 0.56 मिलियन टन
- तमिलनाडु: 0.067 मिलियन टन
- भारत में कुल कच्चे सोने का भंडार: 518.23 मिलियन टन
स्रोत: पीआईबी
बिहार में स्वर्ण अयस्क का कितना भंडार है?
प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) की एक रिपोर्ट के अनुसार, बिहार में भारत में प्राथमिक सोने के अयस्क का सबसे बड़ा भंडार है। इसके पास 222.88 मिलियन टन सोने का भंडार है। अकेले बिहार के जमुई जिले में देश के कुल स्वर्ण अयस्क भंडार का लगभग 44% हिस्सा है। बिहार का यह सोने का भंडार काफी है, लेकिन यह अभी तक वाणिज्यिक खनन के स्तर तक नहीं पहुंच पाया है।
बिहार के किन जिलों में है सोने का भंडार?
- जमुई
- गया
- नवादा
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार में सोने के अयस्क के भंडार मुख्य रूप से जमुई, नवादा और गया जिले में पाए गए हैं। जमुई जिले के सोनभंडार, कुनार, पाटन और लखनपुर क्षेत्रों में सोने के खनिज की उपस्थिति दर्ज की गई है। गया जिले के गुरपा इलाके में भी सोने के अयस्क के प्रारंभिक संकेत मिले हैं. इन क्षेत्रों में क्वार्ट्ज-शील्ड बेल्ट के भीतर सोने के निशान मौजूद हैं। प्रारंभिक सर्वेक्षणों का अनुमान है कि बिहार में प्राथमिक स्वर्ण भंडार की मात्रा 222 टन से अधिक है।
सोने का अयस्क कौन खोदेगा?
पीआईबी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) संभावित सोने के भंडार की खोज और सर्वेक्षण करता है। सोने की खदानें खोदने का काम पूरी तरह से राज्य सरकारों पर निर्भर करता है। उदाहरण के लिए, कर्नाटक में सोने की खदानों की खुदाई का काम सरकारी कंपनी हट्टी गोल्ड माइंस जैसी कंपनियां करती हैं। हालाँकि, राज्य सरकार की अनुशंसा के आधार पर निजी कंपनियाँ भी इस कार्य में भाग ले सकती हैं। राज्य सरकार जमुई में सोने की खदानों से स्वर्ण अयस्क निकालने की जिम्मेदारी किसी सरकारी या निजी कंपनी को दे सकती है.
किन देशों में बिक सकता है बिहार का सोना?
एक्सपोर्ट इंपोर्ट डेटा डॉट इन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत मुख्य रूप से संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), हांगकांग, तुर्की, कनाडा और सिंगापुर को सोना निर्यात करता है। अगर बिहार के जमुई जिले में सोने के अयस्क की खुदाई की जाए तो इन पांच देशों के विदेशी बाजारों तक इसकी पहुंच आसानी से हो सकती है.
भारत में सोने की वार्षिक खपत कितनी है?
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के भारतीय परिचालन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सचिन जैन के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2025 के दौरान भारत में सोने की वार्षिक खपत 600 मीट्रिक टन से 700 मीट्रिक टन के बीच हो सकती है, जो 2020 के बाद से सबसे कम है। वर्ष 2024 के दौरान भारत में सोने की वार्षिक खपत 802.8 टन से कम रही है। अब अगर सोने की घरेलू खपत पर नजर डालें तो बिहार के जमुई से आने वाले सोने को भारत में ही सबसे बड़ा बाजार मिल सकता है.
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बिहार कैसे खुद को सोने से समृद्ध करेगा?
बिहार में मौजूद 222.88 मिलियन टन स्वर्ण अयस्क भंडार राज्य की आर्थिक समृद्धि के लिए एक बड़ा अवसर है। यदि बिहार के जमुई, गया और नवादा जिलों में सोने की खदानों की व्यावसायिक खुदाई शुरू हो जाती है, तो इससे राजस्व, रोजगार पैदा होगा और स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। सोने के उत्पादन से राज्य सरकार को रॉयल्टी और कर राजस्व मिलेगा, जबकि निजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही बिहार खनिज निर्यात के क्षेत्र में भी अग्रणी बन सकता है, जिससे राज्य की जीडीपी और बुनियादी ढांचे में उल्लेखनीय सुधार संभव है।
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बिहार का सोना कैसे बढ़ाएगा भारत की आर्थिक ताकत?
बिहार के जमुई, गया और नवादा जिलों में सोने के अयस्क की खुदाई शुरू होने से भारत की आर्थिक ताकत काफी बढ़ जाएगी। सोने के उत्पादन से राज्य और केंद्र को राजस्व, रॉयल्टी और करों के माध्यम से आय होगी। खनन उद्योग में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, जिससे ग्रामीण और स्थानीय समुदायों की आय में सुधार होगा। इससे धातु प्रसंस्करण एवं निर्यात जैसे संसाधन आधारित उद्योग भी विकसित होंगे। सोने के निर्यात से भारत में विदेशी मुद्रा आएगी और भारत की वैश्विक आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। इसके साथ ही निवेश, बुनियादी ढांचे और तकनीकी क्षमता में भी सुधार होगा।
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