पीएम किसान योजना: बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बजते ही सियासी घमासान चरम पर है. हर पार्टी वोटरों को लुभाने के लिए नए-नए वादों की झड़ी लगा रही है, लेकिन इस बार सबसे ज्यादा चर्चा में हैं किसान. एनडीए ने अपने संकल्प पत्र में किसानों के लिए ऐसा वादा किया है जिससे पूरा चुनावी माहौल गरमा गया है. गठबंधन ने घोषणा की है कि अगर बिहार में उसकी सरकार बनती है तो राज्य सरकार की ओर से किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना से मिलने वाले 6,000 रुपये के अलावा 3,000 रुपये और दिए जाएंगे. यानी बिहार के किसानों को हर साल कुल 9 हजार रुपये की आर्थिक मदद मिलेगी. यह घोषणा चुनावी मैदान में विपक्ष के लिए सीधी चुनौती बनकर सामने आई है.
क्या है एनडीए का मास्टरस्ट्रोक?
बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. 243 सीटों पर दो चरणों में चुनाव होंगे और नतीजे 14 नवंबर को आएंगे. इस बीच एनडीए ने अपना संकल्प पत्र जारी करते हुए किसानों को राहत देने का बड़ा वादा किया है. गठबंधन का कहना है कि अगर बिहार में उनकी सरकार बनी तो राज्य सरकार किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत मिलने वाली राशि के अलावा 3,000 रुपये और देगी.
क्या हर साल 9 हजार रुपये किसानों के लिए गेम चेंजर है?
फिलहाल केंद्र की पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को हर साल 6,000 रुपये मिलते हैं, जो तीन किस्तों में सीधे बैंक खाते में भेजे जाते हैं. एनडीए के नए वादे के मुताबिक बिहार सरकार की ओर से 3,000 रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे. यानी किसानों को कुल 9 हजार रुपये सालाना मदद मिलेगी. इससे खेती में निवेश बढ़ेगा और छोटे किसानों को आर्थिक मदद मिलेगी.
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1 लाख करोड़ रुपये के निवेश में कितनी हकीकत, कितना वादा?
संकल्प पत्र में किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि बुनियादी ढांचे में 1 लाख करोड़ रुपये के निवेश की भी बात कही गई है। इसमें सिंचाई व्यवस्था, कोल्ड स्टोरेज और बाजार सुविधाओं को बेहतर बनाने पर जोर दिया गया है. अगर यह निवेश सचमुच होता है तो यह बिहार के ग्रामीण ढांचे में बड़ा बदलाव ला सकता है.
21वीं किस्त कब आएगी?
पीएम किसान योजना की शुरुआत 2019 में हुई थी और अब तक 21 किश्तें जारी हो चुकी हैं. हाल ही में पंजाब, हिमाचल और उत्तराखंड जैसे बाढ़ प्रभावित राज्यों के किसानों को यह किस्त दी गई थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक नवंबर में दूसरे राज्यों के किसानों के खाते में यह रकम पहुंच सकती है, लेकिन सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है.
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