टाटा मोटर्स: देश की मशहूर ऑटो कंपनी टाटा मोटर्स ने अपने कमर्शियल और पैसेंजर व्हीकल बिजनेस को अलग करने के बाद आज एक नया सफर शुरू किया है। बुधवार को टाटा मोटर्स के वाणिज्यिक वाहन कारोबार के शेयर एनएसई पर 335 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर सूचीबद्ध हुए। यह कीमत डिस्कवरी कीमत 260.75 रुपये से करीब 28.5% ज्यादा है। हालांकि बाद में शेयर थोड़ा फिसले और 330 रुपये पर बंद हुए, फिर भी दिन का अंत 26.56% की बढ़त के साथ हुआ। पहले ही दिन कंपनी की मार्केट वैल्यू 1,21,516 करोड़ रुपये तक पहुंच गई थी.
टाटा मोटर्स का विलय क्यों हुआ?
टाटा मोटर्स ने अपने वाणिज्यिक और यात्री वाहन कारोबार को अलग करने का फैसला किया है ताकि दोनों क्षेत्र अपनी गति से बढ़ सकें। कंपनी ने कहा कि बिजनेस फोकस बढ़ाने और भविष्य के अवसरों का बेहतर फायदा उठाने के लिए यह कदम जरूरी था। अब दोनों व्यावसायिक इकाइयां अलग-अलग सूचीबद्ध कंपनियों के रूप में काम करने जा रही हैं।
किसे मिला फायदा?
जिन निवेशकों ने 14 अक्टूबर तक टाटा मोटर्स के शेयर खरीदे थे। डीमर्जर के बाद उन्हें टाटा मोटर्स (कमर्शियल व्हीकल्स) और टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स (टीएमपीवीएल) दोनों कंपनियों के शेयर मिल गए। यह डीमर्जर 1 अक्टूबर से प्रभावी हो गया है.
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आगे क्या अपेक्षित है?
डीमर्जर के बाद अब टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स के शेयर 402.30 रुपये पर बंद हुए, जो अक्टूबर के बाद से 0.5% की मामूली बढ़त दिखा रहा है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से कंपनी का ईवी और पैसेंजर वाहन सेगमेंट तेजी से बढ़ेगा, जबकि वाणिज्यिक वाहन कारोबार में स्थिर आय बनी रहेगी।
निवेशकों के लिए इस कदम का क्या मतलब है?
विशेषज्ञों का कहना है कि अब निवेशक दोनों कंपनियों की अलग-अलग ताकत और प्रदर्शन को देखकर निवेश का फैसला ले सकते हैं। इससे टाटा मोटर्स के शेयरधारकों को स्पष्टता और बेहतर मूल्य मिलने की उम्मीद है।
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