डिजिटल सोना निवेश का आसान तरीका है, लेकिन नियमों और जोखिमों को समझे बिना निवेश करना खतरनाक हो सकता है। हर प्लेटफ़ॉर्म विश्वसनीय नहीं है. दीर्घकालिक भंडारण के लिए अतिरिक्त शुल्क लागू हो सकते हैं। निवेश से पहले एक वैध कंपनी और सुरक्षित विकल्प चुनना जरूरी है।
प्रकाशित तिथि: मंगल, 11 नवंबर 2025 02:38:15 अपराह्न (IST)
अद्यतन दिनांक: मंगल, 11 नवंबर 2025 02:38:15 अपराह्न (IST)
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- सभी प्लेटफॉर्म भरोसेमंद नहीं हैं, जांच जरूरी है.
- आरबीआई या सेबी द्वारा अनुमोदित कंपनी चुनें।
- शुल्क लंबे समय में रिटर्न को कम कर सकते हैं।
बिजनेस डेस्क. हाल के वर्षों में डिजिटल सोना निवेश का एक आसान और लोकप्रिय तरीका बन गया है। लोग मोबाइल ऐप और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए चंद मिनटों में सोना खरीद या बेच सकते हैं, लेकिन ज्यादातर लोग जोखिम और नियमों को समझे बिना ही निवेश कर देते हैं, जिससे बाद में उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है।
हर प्लेटफॉर्म पर भरोसा करना खतरनाक हो सकता है
- आज डिजिटल सोना कई ऐप्स और वेबसाइटों पर उपलब्ध है, लेकिन सभी भरोसेमंद नहीं हैं। कई प्लेटफ़ॉर्म केवल बिचौलिए के रूप में कार्य करते हैं। उनके पास असली सोने का भंडार नहीं है. अगर ऐसे प्लेटफॉर्म का सर्वर डाउन हो जाए या विवादों में फंस जाए तो निवेशक का पैसा फंस सकता है।
लंबी अवधि के निवेश में सावधानी जरूरी है
- कई लोग डिजिटल सोना लंबे समय तक रखते हैं, लेकिन उन्हें इसकी सीमा और शुल्क के बारे में जानकारी नहीं होती है। कुछ प्लेटफॉर्म केवल 5 साल तक सोना स्टोर करने की सुविधा देते हैं। इसके बाद या तो निवेशक को सोने की फिजिकल डिलीवरी लेनी होगी या उसे बेचना होगा। डिलीवरी के दौरान टैक्स, मेकिंग चार्ज और परिवहन लागत जैसी अतिरिक्त लागतें जोड़ी जाती हैं, जिससे मुनाफा कम हो सकता है।



